इस्राइल और ईरान के बीच युद्ध बढ़ने से हताहतों की संख्या में वृद्धि, दोनों पक्षों ने फिर मिसाइल हमले किये
ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ता संघर्ष आज चौथे दिन भी जारी है और दोनों ओर से एक दूसरे पर अंधाधुंध मिसाइलें दागी जा रही है। इन हमलों में दोनों देशों में सैंकडों लोगों की मौत हो गई है और बडे पैमाने पर विनाश हुआ है। कल रात हुए हमलों में सौ और आम नागरिक मारे गये हैं। ईरान के परमाणु और बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को निशाना बनाकर किये गये इस्राइल के हमलों के जवाब में ईरान की कार्रवाई जारी रही।
ऐसे समय में जब कनाडा में जी-सेवन शिखर सम्मेलन की तैयारियां चल रही हैं, पश्चिम एशिया में युद्ध के हालात बिगडते जा रहे हैं। आज तडके इस्राइल के तेल अवीव और बंदरगाह शहर हाइफा पर ईरान की आरे से मिसाइल हमले किए गए। जिसमें अनेक घर तबाह हो गये। इन हमलों में शुक्रवार से अब तक इस्राइल में 18 लोग मारे जा चुके हैं। यह संघर्ष अब तक 240 लोगों की जान ले चुका है जिनमें अधिकतर आम नागरिक हैं। जी-सेवन के नेताओं ने इस संकट को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है और इस्राइल के आत्मरक्षा के अधिकार के प्रति समर्थन दोहराया है। जर्मनी ने कूटनीतिक समाधान का आहवान किया है। ईरान ने युद्धविराम की वार्ता आगे जारी रखने से इनकार कर दिया है और अमरीका के साथ परमाणु वार्ता का तय दौर भी फिलहाल स्थगित कर दिया है। चार दिन के इस संघर्ष में ईरान में सबसे अधिक लोग हताहत हुए हैं और वहां 70 महिलाओं और बच्चों समेत 224 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि एक हजार 277 लोग घायल हुए हैं।
संघर्ष रोकने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयास अब तक विफल साबित हुए हैं और संघर्ष के थमने के कोई संकेत नहीं हैं।