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On the second anniversary of the consecration of Ram Lalla in Ayodhya, PM Modi extended his best wishes.
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अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री मोदी ने शुभकामनाएं दीं

अयोध्या में राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश और विश्वभर के भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा वर्षगांठ को भारत की आस्था और सांस्कृतिक विरासत का दिव्य उत्सव बताया। उन्होंने भारत और विदेश के असंख्य भक्तों की ओर से भगवान श्री राम के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन किया और सभी देशवासियों को अपनी असीम शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने सदियों पुराने संकल्प के ऐतिहासिक रूप से पूरा होने का स्‍मरण करते हुए कहा कि भगवान श्री राम की कृपा और आशीर्वाद से लाखों भक्तों की पांच शताब्दियों की पवित्र मनोकामना पूरी हुई है। उन्‍होंने कहा कि राम लला फिर से अपने भव्य निवास में विराजमान हैं और यह वर्ष अयोध्या में धर्म ध्वज और राम लला की प्रतिष्ठा द्वादशी के गौरव का साक्षी है। प्रधानमंत्री ने पिछले माह इस धर्म ध्वज की पुण्‍य स्‍थापना का अवसर मिलने को अपना परम सौभाग्य बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कामना की कि मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम की प्रेरणा से प्रत्येक नागरिक के हृदय में सेवा, समर्पण और करुणा की भावना गहरी हो। उन्‍होंने कहा कि ये मूल्य समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के सशक्‍त आधार हैं।

सोशल मीडिया एक्स पर एक थ्रेड पोस्ट में, प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा: “अयोध्या जी की पावन धरा पर आज रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्षगांठ मनाई जा रही है। ये वर्षगांठ हमारी आस्था और संस्कारों का एक दिव्य उत्सव है। इस पावन-पुनीत अवसर पर देश-विदेश के सभी रामभक्तों की ओर से प्रभु श्री राम के चरणों में मेरा कोटि-कोटि नमन और वंदन! समस्त देशवासियों को मेरी अनंत शुभकामनाएं।

“भगवान श्री राम की असीम कृपा और आशीर्वाद से असंख्य रामभक्तों का पांच सदियों का संकल्प साकार हुआ है। आज रामलला अपने भव्य धाम में पुन: विराजित हैं और इस वर्ष अयोध्या की धर्म ध्वजा, रामलला की प्रतिष्ठा द्वादशी की साक्षी बन रही है। ये मेरा सौभाग्य है कि पिछले महीने मुझे इस ध्वजा की पुण्य स्थापना का सुअवसर मिला।”

“मेरी कामना है कि मर्यादा पुरुषोत्तम की प्रेरणा हर देशवासी के हृदय में सेवा, समर्पण और करुणा की भावना को और प्रगाढ़ करे, जो समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का सशक्त आधार भी बने।

जय सियाराम!”

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