संसद भवन में कल संसद की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। इसमें पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सशस्त्र बलों के ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा करने के लिए 16 घंटे का समय निर्धारित किया गया।
संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन कल विपक्षी दलों ने कई मुद्दों को लेकर कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न किया। विपक्षी दल अन्य मुद्दों के अलावा पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर तत्काल चर्चा की मांग कर रहे थे। हमारे संवाददाता ने बताया है कि दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने इन मुद्दों पर लगातार चर्चा की मांग करते हुए नारे लगाए और शोर शराबा किया।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आश्वस्त किया कि सरकार संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष के शोर-शराबे के कारण लोकसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित हुई। दो स्थगन के बाद जब सदन की कार्यवाही शाम 4 बजे फिर शुरू हुई तो शोर-शराबे की स्थिति ऐसी ही बनी रही और अध्यक्ष को दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हालांकि राज्यसभा की कार्यवाही सुबह एक स्थगन के बाद सुचारू रूप से चली। राज्यसभा में प्रश्नकाल और विशेष उल्लेख हुआ तथा चर्चा के बाद लदान विधेयक 2025 भी पारित हुआ। संसद के कई सदस्यों ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को ज्ञापन सौंपा। भाजपा, कांग्रेस, तेलुगुदेशम पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सहित लोकसभा के 145 सदस्यों ने संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के अंतर्गत न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए।