प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में संविधान और देश की लोकतांत्रिक प्रणालियों में अपना विश्वास दोहराने के लिए देशवासियों का आभार व्यक्त किया है। आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि 2024 का आम चुनाव दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था जिसमें 65 करोड़ लोगों ने मतदान किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में ऐसा कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने इसके लिए चुनाव आयोग और मतदान प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 30 जून एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि आज ‘हूल दिवस‘ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह दिन वीर सिद्धो-कान्हू के अदम्य साहस से जुड़ा है, जिन्होंने ब्रिटिश शासकों के अत्याचारों का विरोध किया था। उन्होंने 1855 में झारखंड के संथाल परगना में हजारों संथाल लोगों को अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष के लिए एकजुट किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वीर सिद्धो-कान्हू इस संघर्ष में वीरगति को प्राप्त हुए थे। उन्होंने कहा कि झारखंड के इन सपूतों का सर्वोच्च बलिदान आज भी लोगों को प्रेरित करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर इस वर्ष शुरू किए गए विशेष अभियान- ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ का उल्लेख किया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपनी मां के साथ या अपनी मां की स्मृति में एक पेड़ लगाएं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि लोग अपनी माता के साथ या अपनी तस्वीरों के साथ पेड़ लगाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस अभियान ने सभी को सोशल मीडिया पर हैशटैग प्लांट फॉर मदर और हैशटैग एक पेड़ मां के नाम के साथ अपनी तस्वीरें साझा करके माता के प्रति स्नेह व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस अभियान से धरती माता को भी लाभ होगा और उसकी रक्षा भी होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दशक के दौरान भारत में वन क्षेत्र का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। अमृत महोत्सव के दौरान देशभर में 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर भी बनाए गए हैं।
मानसून का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने केरल में बनाए जाने वाली एक विशेष छतरी- ‘कार्थुम्बी‘ का उल्लेख किया। ये छतरियां केरल के अट्टापडी में तैयार की जाती हैं। प्रधानमंत्री ने इन रंगीन छतरियों को बनाने के लिए केरल की आदिवासी महिलाओं की सराहना की और खुशी जताई कि इन छतरियों की मांग पूरे देश में बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि ये छतरियां ऑनलाइन भी बेची जा रही हैं और इन्हें ‘वट्टालक्की कोऑपरेटिव फार्मिंग सोसाइटी‘ की देखरेख में बनाया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व में अट्टापडी के आदिवासी समुदाय ने उद्यमिता का अद्भुत उदाहरण पेश किया है। वे अब एक रिटेल आउटलेट और एक पारंपरिक कैफे खोलने की तैयारी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वोकल फॉर लोकल का इससे बेहतर उदाहरण नहीं हो सकता।
प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले में बड़ी मात्रा में उत्पादित अराकू कॉफी का भी उल्लेख किया। यह कॉफी अपने स्वाद और सुगंध के लिए जानी जाता है। अराकू कॉफी की खेती से लगभग डेढ़ लाख आदिवासी परिवार जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अराकू कॉफी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए गिरिजन सहकारी समिति की सराहना की।
उन्होंने कहा कि इससे किसानों की आय बढ़ी है और कोंडा डोरा आदिवासी समुदाय को लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अराकू कॉफी को कई वैश्विक पुरस्कार मिले हैं और यह प्रसन्नता की बात है कि पिछले साल दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में यह कॉफी बहुत लोकप्रिय रही।
प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के स्नो मटर का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि स्नो मटर की पहली खेप हाल ही में पुलवामा से लंदन भेजी गई थी। उन्होंने चकुरा गांव के अब्दुल रशीद मीर को गांव के अन्य किसानों की भूमि को एकीकृत करके स्नो मटर उगाने की पहल करने का श्रेय दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सफलता ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की समृद्धि के नए द्वार खोले हैं। उन्होंने श्रोताओं से ऐसे उत्पादों के बारे में जानकारियां हैशटैग my products my pride के साथ साझा करने का भी आग्रह किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कुवैत सरकार ने अपने राष्ट्रीय रेडियो पर हिंदी में एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है। इसे कुवैत रेडियो पर हर रविवार को आधे घंटे के लिए प्रसारित किया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय फिल्म और कला जगत से जुड़ी चर्चाएं वहां भारतीय समुदाय के बीच काफी लोकप्रिय हैं। प्रधानमंत्री ने इस पहल के लिए कुवैत सरकार और वहां के लोगों को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि भारतीय संस्कृति विश्व में गौरव अर्जित कर रही है। उन्होंने तुर्कमेनिस्तान का उदाहरण दिया, जहां इस वर्ष मई में उस देश के राष्ट्रीय कवि की 300वीं जयंती मनाई गई थी। इस मौके पर तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने विश्व के 24 प्रतिष्ठित कवियों की प्रतिमाओं का अनावरण किया। इनमें से एक प्रतिमा गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की भी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महीने दो कैरेबियाई देश-सुरिनाम सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस ने भारतीय विरासत को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया। सूरीनाम में भारतीय समुदाय के लोग प्रतिवर्ष पांच जून को इंडियन एराइवल डे और प्रवासी दिन मनाते हैं। उन्होंने कहा कि यहां हिन्दी के साथ भोजपुरी भी खूब बोली जाती है।
योग के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को भरपूर उत्साह और उमंग के साथ मनाया है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे योग दिवस का आयोजन का आगे बढ़ रहा है, नए-नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। कुछ उपलब्धियों का उपयोग उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में पहली बार एक महिला अल-हनौफ साद जी ने कॉमन योगा प्रोटोकॉल का नेतृत्व किया। मिस्र में योग दिवस के अवसर पर फोटो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नील नदी के किनारे Red Sea के बीचों पर और पिरामिडो के सामने योग करते लाखों लोगों की तस्वीरों बहुत लोकप्रिय हुई।
म्यांमा का माराविजया पैगोडा कॉम्प्लेक्स में भी योग सत्र आयोजित हुए। बहरीन में दिव्यांग बच्चों के लिए एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि श्रीलंका में यूनेस्को हेरिटेज साइट के लिए मशहूर गॉल फोर्ट में योग सत्र का आयोजन हुआ। भूटान के थिम्पू में भी योग दिवस का कार्यक्रम हुआ, जिसमें भूटान के प्रधानमंत्री ने भी हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने योग दिवस में भाग लेने वाले सभी लोग के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने लोगों से अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए नियमित रूप से योग करने आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले महीने इस समय तक पेरिस ओलंपिक शुरू हो चुके होंगे। उन्होंने ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय दल को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने हर भारतीय का दिल जीत लिया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पेरिस ओलंपिक में कुछ चीजें पहली बार देखने को मिलेगी। टेबल टेनिस में पुरुष और महिला टीमें क्वालीफाई कर चुकी हैं। इस बार कुश्ती और घुड़सवारी में भारतीय दल के खिलाड़ी उन श्रेणियों में मुकाबला करेंगे जिनमें वे कभी शामिल नहीं हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी देशवासी खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन और पदक जीतने की उम्मीद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे आने वाले दिनों में भारतीय दल से मुलाकात करेंगे और देश की तरफ से उनका उत्साहवर्धन करेंगे। उन्होंने लोगों से #Cheer4Bharat के माध्यम से खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने का आग्रह किया है।
प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी परिवार को भी बधाई दी क्योंकि आकाशवाणी संस्कृत आज अपने प्रसारण के 50 वर्ष पूरे कर रहा है। उन्होंने कहा कि 50 वर्षों से लगातार इस बुलेटिन से बहुत से लोगों को संस्कृत से जोड़ रखा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संस्कृत की प्राचीन भारतीय ज्ञान और विज्ञान की प्रगति में बड़ी भूमिका रही है उन्होंने जोर देकर कहा कि संस्कृत का सम्मान होना चाहिए और लोगों के दैनिक जीवन से जोड़े रहने चाहिए।
उन्होंने बेंगलुरु के कब्बन पार्क में ऐसे ही एक प्रयास का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक रविवार को इस पार्क में बच्चे, युवा और बुजुर्ग आपस में संस्कृत में बात करते हैं। वेबसाइट के माध्यम समष्टी गुब्बी ने संस्कृत वीकेंड के नाम से इस पहल की शुरूआत की है। यह बेंगलुरु के लोगों में बहुत प्रिय हो गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक सप्ताह के बाद पवित्र और यात्रा शुरू होने जा रही है। उन्होंने कामना की कि महाप्रभु जगन्नाथ की कृपा सभी देशवासियों पर बनी रही। उन्होंने अमरनाथ यात्रा और पंढरपुर वारी का भी उल्लेख किया तथा इन यात्राओं में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कच्छी नौ वर्ष-आषाढ़ी बीज के लिए भी शुभकामनाएं दी।
प्रधानमंत्री ने मन की बात के माध्यम से लोगों से एक बार फिर से जुड़ने में प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मन की बात रेडियो का कार्यक्रम कुछ महीनों के लिए रुक गया था लेकिन देश और समाज में मन की बात की भावना लगातार बनी रही। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मन की बात के माध्यम से भारत की समृद्ध संस्कृति, इतिहास और विकसित भारत बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा होती रहेगी।