प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ में ₹14,260 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव में भाग लिया। उन्होंने सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों को शामिल करने वाली ₹14,260 करोड़ से अधिक की विकास से जुड़ी और परिवर्तनकारी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
ग्रामीण आजीविका को मज़बूत करने के लिए, प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के नौ ज़िलों में 12 नए स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी) ब्लॉकों का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने 3.51 लाख पूर्ण हो चुके घरों के गृह प्रवेश में भाग लिया और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 3 लाख लाभार्थियों को किश्तों के रूप में ₹1200 करोड़ जारी किए, जिससे राज्य भर के ग्रामीण परिवारों के लिए सम्मानजनक आवास और सुरक्षा सुनिश्चित हुई।
कनेक्टिविटी को बढ़ावा देते हुए, प्रधानमंत्री ने पत्थलगांव-कुनकुरी से छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा तक चार लेन वाले ग्रीनफील्ड हाईवे की आधारशिला रखी। इसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा भारतमाला परियोजना के तहत लगभग ₹3,150 करोड़ की लागत से विकसित किया जा रहा है। यह रणनीतिक गलियारा कोरबा, रायगढ़, जशपुर, रांची और जमशेदपुर में प्रमुख कोयला खदानों, औद्योगिक क्षेत्रों और इस्पात संयंत्रों को जोड़ेगा, जो एक प्रमुख आर्थिक मार्ग के रूप में कार्य करेगा और क्षेत्रीय व्यापार संबंधों को मजबूत करेगा तथा मध्य भारत को पूर्वी क्षेत्र से जोड़ेगा।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने बस्तर और नारायणपुर जिलों में कई खंडों में फैले राष्ट्रीय राजमार्ग-130डी (नारायणपुर-कस्तूरमेटा-कुतुल-नीलांगुर-महाराष्ट्र सीमा) के निर्माण और उन्नयन की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग-130सी (मदंगमुडा-देवभोग-ओडिशा सीमा) को पक्की सतह वाले दो-लेन के राजमार्ग में उन्नत करने का भी उद्घाटन करेंगे। इससे आदिवासी और दूरदराज के क्षेत्रों में सड़क संपर्क में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और बाज़ारों तक पहुँच में सुधार होगा और दूरदराज के क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
विद्युत क्षेत्र में, प्रधानमंत्री ने अंतर-क्षेत्रीय ईआर-डब्ल्यूआर इंटरकनेक्शन परियोजना का उद्घाटन किया, जिससे पूर्वी और पश्चिमी ग्रिडों के बीच अंतर-क्षेत्रीय विद्युत हस्तांतरण क्षमता में 1,600 मेगावाट की वृद्धि होगी, ग्रिड विश्वसनीयता में सुधार होगा और पूरे क्षेत्र में स्थिर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने ₹3,750 करोड़ से अधिक लागत की कई ऊर्जा क्षेत्र परियोजनाओं का लोकार्पण, उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनका उद्देश्य छत्तीसगढ़ के बिजली बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, आपूर्ति विश्वसनीयता में सुधार करना और पारेषण क्षमता को बढ़ाना है।
पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत, प्रधानमंत्री द्वारा लगभग ₹1,860 करोड़ के कार्यों को समर्पित किया जाएगा, जिसमें नई बिजली लाइनों का निर्माण, फीडर को दो भागों में बांटना, ट्रांसफार्मर की स्थापना, कंडक्टरों का रूपांतरण और ग्रामीण और कृषि बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए निम्न-दाब नेटवर्क को मजबूत करना शामिल है। प्रधानमंत्री रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बेमेतरा, गरियाबंद और बस्तर जैसे जिलों में लगभग ₹480 करोड़ की लागत से निर्मित नौ नए बिजली सबस्टेशनों का भी उद्घाटन करेंगे। इसके अतिरिक्त, राज्य में बिजली की पहुंच और गुणवत्ता को और बढ़ाने के लिए कई जिलों में नए आरडीएसएस कार्यों के साथ-साथ कांकेर और बलौदाबाजार-भाटापाड़ा में प्रमुख सुविधाओं सहित ₹1,415 करोड़ से अधिक की लागत के नए सबस्टेशनों और ट्रांसमिशन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में, प्रधानमंत्री रायपुर में एचपीसीएल के अत्याधुनिक पेट्रोलियम तेल डिपो का उद्घाटन करेंगे, जिसका निर्माण ₹460 करोड़ से अधिक की लागत से हुआ है और इसकी पेट्रोल, डीजल और इथेनॉल भंडारण क्षमता 54,000 किलोलीटर (केएल) है। यह सुविधा एक प्रमुख ईंधन केन्द्र के रूप में काम करेगी, जो छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों में निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। 10,000 केएल इथेनॉल भंडारण के साथ, डिपो इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम में भी सहयोग कर रहा है, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम कर रहा है और स्वच्छ ऊर्जा विकास को बढ़ावा दे रहा है।
प्रधानमंत्री लगभग ₹1,950 करोड़ की लागत से निर्मित 489 किलोमीटर लंबी नागपुर-झारसुगुड़ा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन भी समर्पित करेंगे। यह परियोजना भारत के ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 15 प्रतिशत तक बढ़ाने और “एक राष्ट्र, एक गैस ग्रिड” के स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह पाइपलाइन छत्तीसगढ़ के 11 जिलों को राष्ट्रीय गैस ग्रिड से जोड़ेगी, जिससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा तथा क्षेत्र को स्वच्छ एवं किफायती ईंधन उपलब्ध होगा।
औद्योगिक विकास और रोज़गार को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री दो स्मार्ट औद्योगिक क्षेत्रों की आधारशिला रखेंगे—एक जांजगीर-चांपा ज़िले के सिलादेही-गतवा-बिर्रा में और दूसरा राजनांदगांव ज़िले के बिजलेटला में। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर-22 में एक फार्मास्युटिकल पार्क की आधारशिला रखेंगे। यह पार्क दवा और स्वास्थ्य सेवा निर्माण के लिए एक समर्पित क्षेत्र के रूप में काम करेगा। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री पाँच नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों—मनेन्द्रगढ़, कबीरधाम, जांजगीर-चांपा और गीदम (दंतेवाड़ा) में, और बिलासपुर में सरकारी आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल की आधारशिला रखेंगे। ये परियोजनाएँ चिकित्सा शिक्षा को मज़बूत करेंगी, स्वास्थ्य सेवा की पहुँच का विस्तार करेंगी और पूरे छत्तीसगढ़ में पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देंगी।




