प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा है कि नागरिकों के स्वास्थ्य पर राष्ट्र की प्रगति निर्भर है इसीलिए सरकार ने स्वास्थ्य सेवा की बुनियादों को मजबूत कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इसी दृष्टिकोण को अपनाते हुए केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य नीति के पांच स्तंभ स्थापित किए हैं और नागरिकों के स्वास्थ्य को प्रमुखता दी है।
इनमें स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना, समय पर जांच करना और उचित दवाओं और इलाज का प्रबंध करना, छोटे नगरों और गांवों में स्वास्थ्य सेवा का प्रबंध किया जाना तथा स्वास्यि देखरेख के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का विस्तार करने जैसे प्रबंध शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन्वंतरि जयंती और 9वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में लगभग 12 हजार 850 करोड़ रुपये की लागत वाली स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गरीबों को अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने आयुष्मान भारत योजना की शुरूआत की है। इसके अंतर्गत गरीबों के स्वास्थ्य संबंधी खर्चों में से पांच लाख रुपये सरकार उपलब्ध कराएगी।
प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य कवरेज के विस्तार का भी शुभारंभ किया। इसके लिए आयुष्मान वय वंदना कार्ड के अंतर्गत यह सुविधा दी जाएगी। इलाज के खर्च को कम करने के उद्देश्य से देशभर में 14 हजार प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं जहां दवाओं पर 80 प्रतिशत की छूट दी जाती है।
प्रधानमंत्री ने समय पर इलाज की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि देशभर में दो लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने उच्चस्तरीय वैज्ञानिक अध्ययन के माध्यम से देशी जडी-बूटियों के महत्व पर भी जोर डाला। आयुष्मान आरोग्य योजना की सफलता के बारे में उन्होंने कहा कि इससे न केवल स्वास्थ्य क्षेत्रों में परिवर्तन हुआ है बल्कि देश की आर्थिक स्थिति भी सुधरी है। उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों में आयुष विनिर्माण क्षेत्र तीन अरब डॉलर से बढकर करीब चौबीस अरब डॉलर का हो गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत में फिलहाल नौ से अधिक आयुष स्टार्टअप काम कर रहे हैं। इससे युवाओं के लिए नई संभावनाएं सृजित हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के दूसरे चरण का भी उद्घाटन किया। इसमें एक पंचकर्म अस्पताल, औषधि विनिर्माण के लिए एक आयुर्वेदिक फार्मेसी, एक खेल चिकित्सा इकाई, एक केंद्रीय पुस्तकालय, एक आईटी और स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन केंद्र और 500 सीटों वाला एक सभागार शामिल है। उन्होंने मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच और सिवनी में तीन मेडिकल कॉलेजों का भी उद्घाटन किया।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर, पश्चिम बंगाल के कल्याणी, बिहार के पटना, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, मध्य प्रदेश के भोपाल, असम के गुवाहाटी और नई दिल्ली में विभिन्न एम्स में सुविधा और सेवा विस्तार का भी उद्घाटन किया, जिसमें एक जन औषधि केंद्र भी शामिल होगा।
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक और ओडिशा के बरगढ़ में एक क्रिटिकल केयर ब्लॉक का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के शिवपुरी, रतलाम, खंडवा, राजगढ़ और मंदसौर में पांच नर्सिंग कॉलेजों की आधारशिला भी रखी। कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, तमिलनाडु और राजस्थान में 21 क्रिटिकल केयर ब्लॉकों और नई दिल्ली तथा हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एम्स में कई सुविधाओं और सेवा विस्तार की आधारशिला रखी।
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