प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज महाराष्ट्र में बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र (बीआईए) को राष्ट्र को समर्पित किया, जो भारत के औद्योगिक विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। पुणे में आयोजित मुख्य समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का ऑरिक हॉल से वेबकास्ट किया गया, जिसमें महाराष्ट्र सरकार के आवास एवं ओबीसी कल्याण मंत्री अतुल सावे, राज्यसभा सांसद डॉ. भागवत कराड और कई अन्य लोग उपस्थित थे।
बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र एक परिवर्तनकारी परियोजना जो 7,855 एकड़ में फैली हुई है। इसे दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के एक भाग के रूप में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के अंतर्गत विकसित किया गया है। महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजी नगर से 20 किमी दक्षिण में स्थित यह औद्योगिक केन्द्र मराठवाड़ा क्षेत्र में आर्थिक विकास को गति देने की अपार संभावनाएं रखता है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान: बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र में बेहतरीन कनेक्टिविटी है, जो एनएच-752ई के समीप स्थित है और नागपुर को मुंबई से जोड़ने वाले समृद्धि महामार्ग से केवल 35 किमी दूर है। औरंगाबाद रेलवे स्टेशन (20 किमी), औरंगाबाद हवाई अड्डा (30 किमी) और जालना ड्राई पोर्ट (65 किमी) के निकट होने के कारण, बीआईए को पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के अनुरूप निर्बाध मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।
चरणबद्ध विकास: भारत सरकार ने 6,414 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली इस परियोजना को मंजूरी दी है, जिसे तीन चरणों में विकसित किया जाना है। चरण ए, 2511 एकड़ क्षेत्र को कवर करता है, जिसमें 2,427 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। महाराष्ट्र औद्योगिक टाउनशिप लिमिटेड (एमआईटीएल), एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) है जिसका गठन महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट के बीच 51:49 की साझेदारी से किया गया है, जिसने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को आगे बढ़ाया है।
आधारभूत संरचना तैयार: बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र अब चौड़ी सड़कों, गुणवत्तापूर्ण पानी और बिजली आपूर्ति, तथा उन्नत सीवेज और सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्रों से सुसज्जित है। ये आधारभूत संरचनात्मक कार्य औद्योगिक और मिश्रित उपयोग वाले भूखंडों के आवंटन के लिए तैयार हैं।
प्रमुख निवेश और आर्थिक प्रभाव
बिडकिन ने पहले ही एथर एनर्जी (100 एकड़), लुब्रीजोल (120 एकड़), टोयोटा-किर्लोस्कर (850 एकड़ के लिए एमओयू) और जेएसडब्ल्यू ग्रीन मोबिलिटी (500 एकड़) जैसी उल्लेखनीय कंपनियों के साथ महत्वपूर्ण निवेश को आकर्षित किया है। इन चारों परियोजनाओं में कुल मिलाकर 56,200 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिसमें 30,000 से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है।
निर्माण के बाद से केवल तीन वर्षों में औद्योगिक और मिश्रित उपयोग क्षेत्रों में कुल 1,822 एकड़ (38 भूखंड) आवंटित किए गए हैं। बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र के विकास से इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास पर गहरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे कुशल मानव संसाधन आकर्षित होगा और तेजी से औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
औद्योगिक उत्कृष्टता की ओर एक कदम
बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र को राष्ट्र को समर्पित करना भारत की वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति बनने की दिशा में लगातार आगे बढ़ने का प्रतीक है। यह परियोजना सरकार के “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो क्षेत्र में औद्योगिक विकास, आर्थिक समृद्धि और सतत विकास को बढ़ावा देती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि बिडकिन औद्योगिक उत्कृष्टता का प्रतीक बनेगा, रोजगार सृजन करेगा, निर्यात को बढ़ावा देगा और क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान देगा।