प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ टोक्यो में शिखर वार्ता की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक तथा प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ाने की एक दशक की व्यापक कार्य योजना तय कर ली है। दोनों नेताओं ने कल टोक्यो में 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में वार्ता के बाद इसकी घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि उन्होंने और प्रधानमंत्री इशिबा ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की और विशेष रणनीतिक तथा वैश्विक भागीदारी मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की है। शिखर वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगले दशक की कार्य योजना में निवेश, नवाचार, पर्यावरण, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, लोगों के बीच संपर्क और अत्याधुनिक भागीदारी के क्षेत्रों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने अगले दस वर्ष में जापान से भारत में सौ खरब येन निवेश का लक्ष्य रखा है।
अगली दशक के लिए एक रोडमैप बनाया है। हमारे विज़न के केंद्र में इन्वेस्टमेंट, इनोवेशन, इकोनॉमिक सिक्योरिटी, एनवायरमेंट, टेक्नोलॉजी, हेल्थ मोबिलिटी, पीपल टू पीपल एक्सचेंजेज एंड स्ट्रेट प्रिफ्रेक्शर पार्टनरशिप यह प्रमुख बातें हैं। हमने अगले 10 वर्षों में जापान से भारत में 10 ट्रिलियन येन निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने रक्षा उद्योग और नवाचार क्षेत्र में परस्पर सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि रक्षा और समुद्री सुरक्षा के संदर्भ में आतंकवाद को लेकर दोनों देशों की समान चिंताएं हैं।
हमने निर्णय किया है कि डिफेन्स इंडस्ट्री और इनोवेशन के क्षेत्र में आपसी सहयोग को और सशक्त किया जाएगा। टुगेदर वी कैरी अ कॉमन ड्रीम ऑफ पीस प्रोग्रेस एण्ड प्रोस्पेरेटी ऑफ आवर पीपल्स एण्ड फॉर द वर्ल्ड।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्र, मुक्त, शांतिपूर्ण, समृद्ध और नियम आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत तथा जापान की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
भारत और जापान एक फ्री, ओपन, पीसफुल, प्रॉस्परस एंड रूल्स बेस्ड इंडो-पेसिफिक के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। आतंकवाद और साइबर सिक्योरिटी को लेकर हमारी चिंताएं समान हैं। डिफेंस और मैरीटाइम सिक्योरिटी से हमारे साझे हित जुड़े हुए हैं। हमने निर्णय किया है कि डिफेंस इंडस्ट्री और इनोवेशन के क्षेत्र में आपसी सहयोग को और सशक्त किया जाएगा।
जापान के प्रधानमंत्री ने भारत के वैश्विक प्रभाव की सराहना की और जापान की अर्थव्यवस्था में कुशल भारतीय प्रतिभाओं के अधिक से अधिक उपयोग का आह्वान किया। बाद में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए बताया कि दोनों देशों के बीच, शिष्टमंडलस्तर की बातचीत हुई और कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। विक्रम मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रभाव शिखर सम्मेलन के लिए भी आमंत्रित किया। भारत अगले वर्ष फरवरी में इस शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी दो दिन की जापान यात्रा पर कल टोक्यो पहुंचे थे।
15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज टोक्यो में नेशनल गवर्नर्स एसोसिएशन के सदस्यों के साथ बातचीत की। वार्ता के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा शिंकानसेन-बुलेट ट्रेन से मियागी प्रान्त के सेंडाई के लिए रवाना हुए। सेंडाई में दोनों नेता सेमीकंडक्टर के उपकरणों का उत्पादन करने वाले टोक्यो इलेक्ट्रॉन कारखाने का दौरा करेंगे। जापान का लक्ष्य इस क्षेत्र में आयात पर अपनी निर्भरता कम करना और खुद की सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना है। यह भारत का भी एक साझा उद्देश्य है। कल हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान, भारत और जापान ने सेमीकंडक्टर और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए एक आर्थिक सुरक्षा पहल शुरू की है। कारखाने के दौरे के बाद, सेंडाई से, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन रवाना हो जाएंगे।