प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर अमेरिका की सफल यात्रा संपन्न कर स्वदेश रवाना हो गये हैं। राष्ट्रपति ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति की शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा थी। यात्रा के दौरान वाशिंगटन में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
इसमें रक्षा और आर्थिक सहयोग, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा सुरक्षा और आपसी संबंधों सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे शामिल थे। दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से 21वीं सदी के लिए अमरीका-भारत कॉम्पैक्ट का शुभारंभ किया। इसका अर्थ सैन्य साझेदारी, त्वरित वाणिज्य और प्रौद्योगिकी में अवसरों को बढ़ाना है।
दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश के क्षेत्र में मिशन 500 का शुभारंभ किया। इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक आपसी व्यापार दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना है।
दोनों नेताओं ने 21वीं सदी में अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए एक नए 10-वर्षीय कार्य-योजना की घोषणा की। यह वर्ष 2025 से 2035 तक चलेगी और इस वर्ष के अंत में इसे अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।
दो देशों के दौरे के पहले चरण में प्रधानमंत्री मोदी ने 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस यात्रा की। यात्रा के दौरान, उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ यांत्रिक मेधा कार्रवाई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की। दोनों नेताओं ने मार्से में भारत के नए महावाणिज्य दूतावास का भी संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।