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Pralhad Joshi presides over the signing ceremony of Project Offtake Agreement for export of Green Ammonia from India to Japan
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प्रल्हाद जोशी ने हरित अमोनिया के भारत से जापान निर्यात के परियोजना ऑफटेक समझौते पर हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता की

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भारत से जापान को ग्रीन अमोनिया के निर्यात के पहले समझौते पर हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता की। ऑफटेक परियोजना समझौता, ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया उत्पादन में वैश्विक नेता बनने की भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सेम्बकॉर्प इंडस्ट्रीज, सोजित्ज़ कॉर्पोरेशन, क्यूशू इलेक्ट्रिक पावर कंपनी और एनवाईके लाइन के बीच हेड्स ऑफ टर्म्स (एचओटी) समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे भारत से जापान तक सीमा पार हरित अमोनिया आपूर्ति साझेदारी मजबूत हुई। यह समझौता दोनों देशों के बीच इस तरह का पहला सहयोग दर्शाता है, जो वैश्विक हरित ऊर्जा परिदृश्य में भारत की बढ़ती प्रभुत्व को रेखांकित करता है।

सेम्बकॉर्प इंडस्ट्रीज अक्षय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करते हुए भारत में हरित अमोनिया के उत्पादन का नेतृत्व करेगी। क्यूशू इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने इस हरित अमोनिया को अपने ऊर्जा मिश्रण में एकीकृत करने की प्रतिबद्धता जताई है, जो जापान में उनके थर्मल पावर प्लांट में कोयले की खपत को आंशिक रूप से प्रतिस्थापित करेगा। सोजित्ज़ कॉर्पोरेशन, व्यवसाय मध्यस्थ के रूप में कार्य करेगा, जो अमोनिया उत्पादक और ऑफटेकर के बीच संबंध को सुगम बनाएगा। एनवाईके लाइन भारत से जापान तक हरित अमोनिया के समुद्री परिवहन की देखरेख करेगी।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए, प्रल्हाद जोशी ने इस साझेदारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “आज एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हम भारत से जापान को ग्रीन अमोनिया की आपूर्ति के लिए पहली बार समझौता कर रहे हैं। यह समझौता भारत में उत्पादन से लेकर जापान में खपत तक एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने में मदद करेगा, जिससे हरित ऊर्जा क्षेत्र में भविष्य के सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा।”

मंत्री महोदय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हरित हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की तीव्र प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने हरित हाइड्रोजन और अमोनिया उत्पादन में वैश्विक नेता बनने, साझेदारी का लाभ उठाने, मजबूत नियामक ढांचे का निर्माण करने और इस क्षेत्र में पर्याप्त निवेश करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

प्रल्हाद जोशी ने यह भी घोषणा की कि ग्रीन अमोनिया के 7.5 लाख टीपीए के लिए निविदा वर्तमान में जारी है, साथ ही 4.5 लाख टीपीए क्षमता के लिए अतिरिक्त निविदाएं भी जारी की गई हैं। ये प्रयास भारत की व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं, जिसके तहत हरित हाइड्रोजन के प्रति वर्ष दस लाख टन से अधिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो भारत की क्षमता और अभूतपूर्व गति से हरित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के इरादे को दर्शाता है।

मंत्री महोदय ने तीनों देशों के बीच ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर सहयोग के मद्दे नजर भारत, जापान और सिंगापुर के बीच गहरे सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संबंधों के बारे में बात की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह समझौता हरित ऊर्जा क्षेत्र में भारत की बढ़ती क्षमताओं की शुरुआत मात्र है, और भविष्य के प्रयास और भी अधिक महत्वाकांक्षी और प्रभावशाली होने की उम्मीद है।

यह समझौता न केवल वैश्विक हरित ऊर्जा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि हरित हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा पहलों के लिए भारत सरकार के दृढ़ समर्थन को भी दर्शाता है। जापान के साथ सहयोग भारत की बढ़ती विशेषज्ञता और सतत विकास और ऊर्जा स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

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