insamachar

आज की ताजा खबर

President Draupadi Murmu addressed the convocation of Tamil Nadu Central University
भारत

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज तमिलनाडु के तिरुवरूर स्थित तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय के 10 वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय उच्च शैक्षणिक मानकों को बनाए रखने और बौद्धिक जिज्ञासा एवं आलोचनात्मक चिंतन को बढ़ावा देने वाले प्रेरक वातावरण के निर्माण के लिए विशेष बधाई का पात्र है। उन्होंने विश्वविद्यालय विस्तार शिक्षा के माध्यम से समाज के व्यापक वर्ग तक शिक्षा का लाभ पहुंचाने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

राष्ट्रपति ने कहा कि तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय सामुदायिक महाविद्यालय और डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र जैसी पहलों के माध्यम से हाशिए पर पड़े वर्गों के समग्र विकास में सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत विकास को सामाजिक विकास से जोड़ना शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि शिक्षा समाज के हित में होनी चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे मानवता की व्यापक भलाई, विशेष रूप से प्रकृति और पारिस्थितिकी को समृद्ध बनाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए उद्योग जगत के साथ सहयोग करें।

आजीवन सीखने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह याद रखना ज़रूरी है कि हम जीवन भर विद्यार्थी ही है। उदाहरण के लिए, महात्मा गांधी जीवन भर विद्यार्थी रहे और उन्होंने तमिल और बांग्ला जैसी भाषाओं को जाना, गीता जैसे धर्मग्रंथ का अध्यन किया साथ ही चप्पल बनाने और चरखा चलाने जैसे कौशल सीखे। उनके मामले में यह सूची लगभग अंतहीन है। गांधीजी अपने अंतिम समय तक असाधारण रूप से सजग और सक्रिय रहे। उन्होंने छात्रों को आश्चर्य की भावना को जीवित रखने और जिज्ञासु बने रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इससे निरंतर सीखते रहने को बढ़ावा मिलेगा और निरंतर सीखने से उनके कौशल की हमेशा मांग बनी रहेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में, इंटरनेट क्रांति ने हमारी दुनिया को इस तरह बदल दिया है कि कई तरह के नए रोजगार के अवसर सामने आए हैं जिनकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और औद्योगिक क्रांति 4.0, कार्य संस्कृति को और बदल देंगे। ऐसे गतिशील वातावरण में, जो लोग नए कौशल सीख सकते हैं और नए परिदृश्य के साथ अपने आप को अपडेट कर सकते हैं, वे परिवर्तन में अग्रेणी भूमिका के वाहक बनेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का घोषित मिशन “एक मजबूत चरित्र का निर्माण और मूल्य-आधारित पारदर्शी कार्य नैतिकता का पोषण” करना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस विश्वविद्यालय के छात्र इस नैतिक पहलू को कार्य से लेकर जीवन के बाकी हिस्सों तक विस्तारित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इससे उनमें संवेदनशीलता का विकास होगा जो आज की आवश्यकता है।

LEAVE A RESPONSE

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *