राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अंगोला में भारत के राजदूत द्वारा लुआंडा में आयोजित एक स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया। इस अवसर पर उनके साथ जल शक्ति और रेल राज्य मंत्री, वी. सोमन्ना और संसद सदस्य, परभुभाई नागरभाई वसावा और डी.के. अरुणा उपस्थित थे।
भारतीय समुदाय के उत्साही सदस्यों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अपने अफ्रीकी साझेदारों, विशेषकर अंगोला के साथ अपने संबंधों को अत्यंत महत्व देता है। यह साझेदारी समानता, पारस्परिक विश्वास और प्रगति की साझा आकांक्षाओं पर आधारित है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका के साथ भारत का जुड़ाव भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन (आईएएफएस) के ढांचे के तहत विकसित हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत अगले आईएएफएस शिखर सम्मेलन की शीघ्र मेजबानी के लिए उत्सुक है।
राष्ट्रपति ने कहा कि अंगोला भारत की ऊर्जा सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण साझेदार है और बदले में, भारत, अंगोला के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि पिछले वर्ष भारत-अंगोला द्विपक्षीय व्यापार 5 अरब अमेरिकी डॉलर के ऐतिहासिक आंकड़े को पार कर गया।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अंगोला को दवाइयों, खाद्य उत्पादों, परिष्कृत पेट्रोलियम, ऑटोमोबाइल और मशीनरी का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। भारतीय कंपनियाँ खुदरा, पर्यटन, हीरे, ऊर्जा, बुनियादी ढाँचे, आतिथ्य और कृषि जैसे विविध क्षेत्रों में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि इन निवेशों ने अंगोला के आर्थिक विकास में योगदान दिया है और रोज़गार के अवसर पैदा किए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि अंगोला में भारतीय मूल के लगभग 8,000 लोग रहते हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उनकी उद्यमशीलता, कड़ी मेहनत और पेशेवर उत्कृष्टता ने अंगोला के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और अंगोला के बीच व्यापार, निवेश और लोगों के बीच संबंधों को और मज़बूत करने के अपार अवसर मौजूद हैं। उन्होंने अंगोला में रहने वाले भारतीय समुदाय के सदस्यों से भारत और अंगोला की साझा समृद्धि को साकार करने के प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।




