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President Draupadi Murmu graced the Vigilance Awareness Week 2024 today
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2024 की शोभा बढ़ाई

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2024 की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे समाज में ईमानदारी और अनुशासन को जीवन का आदर्श माना जाता है। लगभग 2300 साल पहले मेगस्थनीज ने भारतीय लोगों के बारे में लिखा था कि वे अनुशासनहीनता को नापसंद करते हैं और कानून का पालन करते हैं। उनके जीवन में सादगी और तपस्या सन्निहित है। फाहियान ने हमारे पूर्वजों के बारे में इसी तरह का उल्लेख किया है। इस संदर्भ में सीवीसी की इस वर्ष की थीम ‘राष्ट्र की समृद्धि के लिए ईमानदारी की संस्कृति’ बहुत उपयुक्त है।

राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वास सामाजिक जीवन की नींव है। यह एकता का स्रोत है। सरकार के काम और कल्याणकारी योजनाओं में जनता का विश्वास शासन की शक्ति का स्रोत है। भ्रष्टाचार न केवल आर्थिक प्रगति में बाधा है, बल्कि यह समाज में विश्वास को भी कम करता है। यह लोगों में भाईचारे की भावना को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है। इसका देश की एकता और अखंडता पर भी व्यापक प्रभाव पड़ता है। हर साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर हम देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने का संकल्प लेते हैं। यह केवल एक रस्म तक सीमित नहीं है। यह गंभीरता से लिया जाने वाला संकल्प है। इसे पूरा करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि नैतिकता भारतीय समाज का आदर्श है। जब कुछ लोग वस्तुओं, धन या संपत्ति के संचय को अच्छे जीवन का मानक मानने लगते हैं, तो वे इस आदर्श से भटक जाते हैं और भ्रष्ट गतिविधियों का सहारा लेते हैं। बुनियादी जरूरतों को पूरा करके आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने में ही वास्तविक खुशी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि अगर कोई काम सही भावना और दृढ़ संकल्प के साथ किया जाए, तो सफलता निश्चित है। कुछ लोग गंदगी को हमारे देश की नियति मानते थे। लेकिन मजबूत नेतृत्व, राजनीतिक इच्छाशक्ति और नागरिकों के योगदान से स्वच्छता के क्षेत्र में अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इसी प्रकार, भ्रष्टाचार के उन्मूलन को असाध्य मान लेना एक निराशावादी दृष्टिकोण है, जो उचित नहीं है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत सरकार की “भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टोलरेंस” की नीति भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त कर देगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्ट व्यक्तियों के विरुद्ध त्वरित कानूनी कार्रवाई अत्यंत आवश्यक है। कार्रवाई में देरी या कमजोर कार्रवाई से अनैतिक व्यक्तियों को बढ़ावा मिलता है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि हर कार्य और व्यक्ति को संदेह की दृष्टि से न देखा जाए। हमें इससे बचना चाहिए। व्यक्ति की गरिमा को ध्यान में रखते हुए कोई भी कार्य दुर्भावना से प्रेरित नहीं होना चाहिए। किसी भी कार्रवाई का उद्देश्य समाज में न्याय और समानता स्थापित करना होना चाहिए।

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