राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज मणिपुर के सेनापति में एक सार्वजनिक समारोह की शोभा बढ़ाई। उन्होंने इस अवसर पर विकास की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखी, साथ ही कई परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया।
सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मणिपुर के आदिवासी समुदायों के लिए सम्मान, सुरक्षा और विकास के अवसर तथा देश की प्रगति में उनकी अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना राष्ट्रीय प्राथमिकता है। भारत सरकार मणिपुर में समावेशी और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय नेताओं, नागरिक समाज और समुदायों के साथ मिलकर काम कर रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार देश के हर कोने तक विकास पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। हाल के वर्षों में, मणिपुर के पहाड़ी जिलों को सड़क और पुल संपर्क, राष्ट्रीय राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों सहित, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पेयजल और बिजली आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में किए गए लक्षित निवेशों से लाभ हुआ है। कौशल प्रशिक्षण, स्वयं सहायता समूह और वन धन जैसी आजीविका योजनाओं से लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। ये प्रयास आदिवासी समुदायों की अनूठी पहचान और परंपराओं का सम्मान करते हुए उनका समर्थन करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि मणिपुर की ताकत उसकी विविधता, उसकी संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं में निहित है। पहाड़ और घाटी हमेशा से एक-दूसरे के पूरक रहे हैं, मानो एक ही खूबसूरत भूमि के दो पहलू हों। उन्होंने सभी समुदायों से शांति, समझ और सुलह के प्रयासों में सहयोग जारी रखने का आग्रह किया। भारत सरकार मणिपुर के लोगों की आकांक्षाओं को समझती है। उन्होंने मणिपुर के लोगों के कल्याण और प्रगति के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया, जिनमें इस क्षेत्र के लोग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमें एक शांतिपूर्ण और समृद्ध मणिपुर के लिए मिलकर निरंतर काम करना चाहिए।
इससे पहले, राष्ट्रपति ने इम्फाल स्थित नुपी लाल स्मारक परिसर में मणिपुर की वीर महिला योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह स्मारक परिसर मणिपुरी महिलाओं के बलिदान की स्मृति है। यह उनके उन विद्रोहों की याद दिलाता है जिनमें उन्होंने अंग्रेजों और सामंती शक्तियों को अदम्य साहस के साथ चुनौती दी थी।





