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रियायती दरों पर प्याज की खुदरा बिक्री की केंद्र सरकार की पहल से प्याज की कीमतों में गिरावट आई

5 सितंबर, 2024 को मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर प्याज की खुदरा बिक्री 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर शुरू की गई। खुदरा बिक्री की शुरुआत एनसीसीएफ और नैफेड के आउटलेट और मोबाइल वैन के जरिए प्रमुख उपभोग केंद्रों, यानी दिल्ली और मुंबई में हुई। इसके बाद इसे चेन्नई, कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर, गुवाहाटी आदि जैसे अन्य महत्वपूर्ण शहरों में भी शुरू कर दिया गया। ऐसे शहरों का विवरण नीचे दी गई तालिका में दिया गया है।

इस पहल ने सकारात्मक ठोस परिणाम दिखाने शुरू कर दिए हैं:

शुभारम्भ की तारीख (05.09.2024) और 13.09.2024 के बीच:

  • दिल्ली: कीमतें 60 रुपये से घटकर 55 रुपये हो गईं।
  • मुंबई: कीमतें 61 रुपये से घटकर 56 रुपये हो गईं।
  • चेन्नई: कीमतें 65 रुपये से घटकर 58 रुपये हो गईं।

प्याज की बढ़ती मांग को देखते हुए और इसकी कीमतों को और कम करने के लिए सरकार ने प्याज की मात्रा और इसके विक्री केंद्रों को बढ़ाने का फैसला किया। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, केंद्रीय भंडार और सफल के बिक्री केंद्रों तक खुदरा बिक्री का विस्तार करने के अलावा, उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए थोक बिक्री की रणनीति भी अपनाई जा रही है। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे प्रमुख शहरों में प्याज की थोक बिक्री पहले ही शुरू हो चुकी है और आने वाले दिनों में इसे हैदराबाद, बैंगलोर और कोलकाता और अंतत: सभी राज्यों की राजधानियों तक बढ़ाया जाएगा। इस बार थोक बिक्री सड़क परिवहन के साथ-साथ रेलवे नेटवर्क के माध्यम से हो रही है। इस पहल से परिवहन दक्षता लाने के अलावा, फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान में भी कमी आएगी।

उपभोक्ता कार्य विभाग भी आपूर्ति-मांग की बदलती परिस्थितियों और मूल्य प्रवृत्तियों के आधार पर लक्षित और स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

सरकार का अंतिम लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि देश भर में हर घर को सस्ती प्याज उपलब्ध हो। इसलिए, सरकार प्याज की कीमतों पर सतर्क निगरानी बनाए रखने और उपभोक्ताओं को आगे की कीमतों में वृद्धि से बचाने के लिए उच्च मूल्य केंद्रों में प्याज की सुलभता के लिए सक्रिय निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।

4.7 एलएमटी प्याज के उपलब्ध बफर स्टॉक और पिछले वर्ष की तुलना में प्याज की खरीफ बुवाई क्षेत्र में वृद्धि के साथ-साथ बढ़ी हुई खुदरा और थोक बिक्री रणनीतियों से आने वाले महीनों में प्याज की कीमतें नियंत्रण में रहेंगी।

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