केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मोदी सरकार पंजाब के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और राज्य के बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के प्रति कटिबद्ध है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज शाम नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उन्हें मानसून के दौरान आई बाढ़ से राज्य में हुए नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने आपदा राहत एवं पुनर्स्थापन के लिए राज्य के लिए अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत करने की भी मांग की।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) में राज्य के पास 12,589.59 करोड़ रुपये की पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है, जिसका उपयोग भारत सरकार के मानदंडों के अनुसार प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने और तत्काल पुनर्वास के लिए किया जा सकता है।
केन्द्र सरकार ने राज्य में हाल ही में आई बाढ़ के दौरान खोज, बचाव और तत्काल पुनर्वास के लिए केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से राज्य प्रशासन को हरसंभव सहायता प्रदान की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 9 सितंबर 2025 को पंजाब का दौरा किया था और राज्य में बाढ़ की स्थिति और उससे हुए नुकसान की समीक्षा की थी। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित ₹1,600 करोड़ की वित्तीय सहायता में से, 805 करोड़ रुपये (NHAI द्वारा स्वीकृत 170 करोड़ रूपए सहित) विभिन्न योजनाओं के तहत राज्य सरकार/ लाभार्थियों को पहले ही जारी किए जा चुके हैं और शेष राशि राज्य से संबंधित जानकारी प्राप्त होने पर जारी कर दी जाएगी।
इसके अलावा, पंजाब राज्य से ज्ञापन प्राप्त होने की प्रतीक्षा किए बिना, 1 सितंबर 2025 को एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (IMCT) का गठन किया गया था। केन्द्रीय टीम ने 3 से 6 सितंबर 2025 तक राज्य में मौके पर नुकसान के आंकलन के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। हालाँकि, राज्य सरकार द्वारा अभी एक विस्तृत ज्ञापन प्रस्तुत करना बाकी है। ज्ञापन प्राप्त होने के बाद, भारत सरकार द्वारा स्वीकृत मानदंडों के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा उस पर विचार किया जाएगा।
इसके अलावा, राज्य, आजीविका और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए एक रिकवरी और रिकंस्ट्रक्शन योजना तैयार कर सकता है। गृह मंत्रालय (MHA) ने पहले ही 14.08.2024 को SDRF और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) के तहत रिकवरी और रिकंस्ट्रक्शन (R&R) फंडिंग विंडो के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। दिशानिर्देशों में विस्तृत रूप से बताया गया है कि किसी गंभीर आपदा के बाद, राज्य सरकार को रिकवरी और रिकंस्ट्रक्शन आवश्यकताओं के आंकलन के लिए आवश्यकतानुसार SDMA/NDMA के परामर्श से Post Disaster Needs Assessment (PDNA) करना होता है।




