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Rajnath Singh lauds swimming team for overcoming various challenges and spreading stories of valour and sacrifice of Paramveers
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राजनाथ सिंह ने विभिन्न चुनौतियों पर काबू पाने और परमवीरों की वीरता एवं बलिदान की कहानियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए तैराकी टीम की सराहना की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 20 सितंबर, 2024 को नई दिल्ली में परमवीर चक्र (पीवीसी) पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखे गए अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के 21 द्वीपों के लिए अपनी तरह के पहले खुले जल में तैराकी अभियान का ध्वज प्राप्त किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 जनवरी, 2023 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में पराक्रम दिवस के अवसर पर अंडमान एवं निकोबार के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नाम पीवीसी पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखा था।

नए नाम रखने की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए, त्रि-सेवा अंडमान एवं निकोबार कमांड ने ‘अभियान परमवीर’ लॉन्च किया, जिसमें भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय तटरक्षक बल के कर्मियों की एक टीम ने सभी 21 द्वीपों तक तैराकी की और 21 वीरता पुरस्कार विजेताओं की वीरता एवं बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में प्रत्येक द्वीप पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस 11-सदस्यीय अभियान दल का नेतृत्व प्रसिद्ध खुले जल के तैराक एवं तेनज़िंग नॉर्वे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार विजेता विंग कमांडर परमवीर सिंह ने किया।

अपने संबोधन में, रक्षा मंत्री ने तैराकी टीम के साहस और क्षमता की सराहना की, जिसने समुद्र में कई चुनौतियों को पार करते हुए इस अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया और परमवीरों की वीरता एवं बलिदान की कहानियों को लोगों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह अभियान यह सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार के प्रयासों के अनुरूप था कि राष्ट्र की सेवा में अपना बलिदान देने वाले हमारे सैनिकों के वीरतापूर्ण कार्यों के बारे में लोगों, विशेषकर युवाओं को पता चले और ये बहादुर उनके नायक बनें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सशस्त्र बल के जवान देश को गौरवान्वित करते रहेंगे और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।

कार्यक्रम के दौरान, तैराकी टीम द्वारा रक्षा मंत्री को अभियान का ध्वज सौंपा गया। यह ध्वज पूरे अभियान, उसकी चुनौतियों, सौहार्द और अंततः सफल समापन का साक्षी था। यह ध्वज एक उद्देश्य का प्रतिनिधित्व करता है और देशभक्ति एवं गौरव की भावनाएं जगाता है। ध्वज प्रदान करने के इस समारोह के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, अंडमान एवं निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ (सिनकैन) एयर मार्शल साजू बालाकृष्णन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

इस अभियान को औपचारिक रूप से 22 मार्च, 2024 को विश्व जल दिवस के अवसर पर सिनकैन द्वारा श्री विजयपुरम से नेताजी सुभाष चंद्र द्वीप तक की शुरुआती तैराकी के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। तैराकी टीम ने पांच महीने की अवधि में सभी 21 द्वीपों, 300 किलोमीटर से अधिक की तैराकी की। यह अभियान 15 अगस्त, 2024 को 78वें स्वतंत्रता दिवस पर समाप्त हुआ। अंतिम तैराकी सशस्त्र बलों और तटरक्षक बल के 78 कर्मियों द्वारा की गई, जिन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र द्वीप से श्री विजयपुरम तक तैराकी की।

सभी तैराकों ने ‘बिना सहायता के खुले जल में तैराकी’ श्रेणी से संबंधित अंतरराष्ट्रीय मानकों एवं नियमों के अनुसार अभियान चलाया, जिसमें तैराकों के लिए केवल स्विम ट्रंक, चश्मे और टोपी पहनना अनिवार्य है। इस अभियान के दौरान, तैराकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनमें गंभीर थकावट, अत्यधिक निर्जलीकरण, धूप की कालिमा (सनबर्न) और अशांत समुद्री परिस्थितियां शामिल थीं। इस क्षेत्र में घातक समुद्री जीवों से कई बार सामना हुआ। पूरा अभियान बिना किसी दुर्घटना के पूरा किया गया। यह इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए एक शानदार उपलब्धि थी कि इस अभियान में भाग लेने वाले अधिकांश कर्मी पहली बार खुले जल में समुद्री तैराकी कर रहे थे।

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