राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद द्वारा 16वीं सदी के राजपूत राजा राणा सांगा के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर हंगामा
राज्यसभा की कार्यवाही आज हंगामे के कारण दोपहर बारह बजे तक स्थगित करनी पड़ी। समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन की 16वीं सदी के राजपूत शासक राणा सांगा पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मुद्दे पर शोर-शराबे के कारण कार्यवाही स्थगित हुई।
सभापति जगदीप धनखड ने कहा कि देश की महान विभूतियों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए और संसद सदस्यों को ऐसे लोगों के बारे में बात करते समय संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं।
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सांसदों को सभापति द्वारा कही गई बातों का पालन करना चाहिए और राष्ट्रीय नायकों का अपमान नहीं करना चाहिए।
राणा सांगा को लेकर के जो वक्तव्य दिया और सुन के किसी को कैसे मंजूर होगा जो भाषा और जिस लहजे में माननीय सदस्य जी ने राणा सांगा के बारे में बोला है। कोई भी रीजन, कोई भी जाति का नेशल हीरो का अपमान नहीं करना चाहिए। देश में भी और सदन में भी।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश के लिए लड़ने वाले हर व्यक्ति का सम्मान होना चाहिए। आज जो बातें कही राणा सांगा के बारे में, राणा प्रताप जी के बारे में उन सबका हम सम्मान करते हैं। दूसरी बात मैंने यह कहा कि कोई बात का आपको और उनमें इतिहासकार आपके और उनके अगर है उनमें मतभेद है तो आप जुड़ा। इसका मतलब ये नहीं किसी का घर जलाओ, किसी के घर के ऊपर बुलडोजर लगाओ, किसी के बच्चे को मारो।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने समाजवादी पार्टी सांसद की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह निंदनीय है। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस समय सदन की कार्यवाही जारी है। उधर, लोकसभा में भी राणा सांगा पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़ा मुद्दा आज उठा। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राणा सांगा प्रेरणास्रोत हैं और देश ऐसे नायकों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव को भी बोलने की अनुमति दी गई, लेकिन शोरगुल के कारण वे अपना बयान पूरा नहीं कर सके।