SCO घोषणापत्र में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश
चीन में, शंघाई सहयोग संगठन के शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के बाद आज जारी तियानजिन घोषणा पत्र में आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट और एकजुट संदेश दिया गया। इसमें क्षेत्रीय सहयोग और नवाचार में भारत के बढते योगदान को भी स्वीकार किया गया।
तिआनजिन संयुक्त घोषणा पत्र के माध्यम से सदस्य देशों ने एक सशक्त और एकजुट संदेश देते हुए 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और इस जघन्य कृत्य के अपराधियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। तिआनजिन घोषणा पत्र में आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की गई, आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मानदंडों को खारिज किया गया और आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही को रोकने के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान किया गया। संयुक्त घोषणा पत्र में भारत के वैश्विक दृष्टिकोण ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ को सराहा गया और उसका समर्थन किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि आतंकवाद पर दोहरा मापदंड अस्वीकार्य है। तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में अपने वक्तव्य में, प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की जानी चाहिए। भारत पिछले चार दशकों से निर्मम आतंकवाद का दंश झेल रहा है। कितनी ही माताओं ने अपने बच्चे खोए और कितने बच्चे अनाथ हो गए। हाल ही में, हमने पहलगाम में टेरेरिज्म का बहुत ही घिनौना रूप देखा। इस दु:ख की घड़ी में, जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, मैं उनका आभार व्यक्त करता हूँ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एससीओ के लिए भारत का दृष्टिकोण और नीति तीन महत्वपूर्ण स्तंभों – सुरक्षा, संपर्क और अवसर – पर आधारित है। एससीओ को लेकर, भारत की सोच और नीति तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है: एस, सी, ओ। एस-सिक्यूरिटी, सी – कनेक्टिविटी, ओ – अपॉरच्युनिटी। “एस- यानि, सिक्योरिटी” के संदर्भ में, मैं कहना चाहता हूँ कि सुरक्षा, शांति, और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं।