दूसरे राष्ट्रीय लाइटहाउस महोत्सव के पहले दिन, पत्तन, पोत परिहन और जलमार्ग मंत्री (MoPSW) ने आज पुरी में लाइटहाउस पर्यटन सम्मेलन 2024 की मेजबानी की, जिसमें सरकारी अधिकारियों, पर्यटन विशेषज्ञों और संरक्षणवादियों सहित 100 से अधिक प्रतिभागियों ने शिरकत की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लाइटहाउस पर्यटन की विशाल संभावनाओं और इन समुद्री संरचनाओं के संरक्षण के लिए रणनीतियों का पता लगाना है जिसमें पर्यटन विकास के साथ विरासत का संरक्षण करना शामिल है।
इस सम्मेलन में पुरी के माननीय सांसद संबित पात्रा, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी और ओडिशा की माननीय उपमुख्यमंत्री पार्वती परिदा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के बाद पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने और भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को संरक्षित करने के साधन के रूप में लाइटहाउस पर्यटन को विकसित करने के महत्व पर जोर दिया।
मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा, “भारत की समुद्री विरासत की अपार संभावनाओं को उजागर करने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने हमारे ऐतिहासिक प्रकाश स्तंभों को पुनर्जीवित करने के लिए एक बदलावकारी यात्रा शुरू की है। ये शानदार संरचनाएं, जिन्होंने लंबे समय से नाविकों का मार्गदर्शन किया है, अब पर्यटन, संस्कृति और शिक्षा के केंद्रों के रूप में विकसित हो रही हैं। देश भर में 75 प्रतिष्ठित प्रकाश स्तंभों के विकास के साथ, हम न केवल इतिहास को संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि मनोरंजन और सामुदायिक जुड़ाव के लिए जीवंत स्थल भी बना रहे हैं।”
उन्होंने सभी आगंतुकों को इन स्थलों को देखने तथा इनमें मौजूद विरासत और आधुनिकता के अनूठे मिश्रण का अनुभव करने के लिए आमंत्रित किया।
लाइटहाउस और लाइटशिप महानिदेशालय (डीजीएल) द्वारा एक विस्तृत प्रस्तुति में भारत में लाइटहाउस पर्यटन की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को प्रदर्शित किया गया, जिसमें वर्तमान में चल रही विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला गया। माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में 60 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 9 तटीय राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में 75 प्रतिष्ठित लाइटहाउस विकसित किए गए हैं। प्रत्येक लाइटहाउस विरासत और मनोरंजन दोनों का प्रतीक बन गए हैं, जिसमें संग्रहालय, एम्फीथिएटर, बच्चों के पार्क जैसी कई आधुनिक सुविधाएँ हैं। ओडिशा में, पाँच लाइटहाउस- गोपालपुर, पुरी, चंद्रभागा, पारादीप और फाल्स पॉइंट- को लाइटहाउस पर्यटन को बढ़ावा देने की इस पहल के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, 75 समर्पित लाइटहाउस ने 16 लाख आगंतुकों को आकर्षित किया। सितंबर 2024 तक, चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में पहले ही 10 लाख से अधिक आगंतुकों का स्वागत किया जा चुका है। इन पहलों के परिणामस्वरूप रोजगार सृजन भी हुआ है, जिसमें आस-पास के होटलों, रेस्तरां, टूर ऑपरेटरों, परिवहन सेवाओं और स्थानीय दुकानों और कारीगरों के 150 प्रत्यक्ष और 500 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
प्रस्तुति के बाद दो दिलचस्प पैनल सत्रों का आयोजन किया गया। गौरव नागर द्वारा संचालित पहला सत्र “लाइटहाउस पर्यटन और विरासत” पर केंद्रित था। कपिल मोहन (एआईएस सेवानिवृत्त), देबाशीष मिश्रा और प्रसिद्ध फोटोग्राफर दिनेश खन्ना सहित वक्ताओं ने लाइटहाउस के सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व और उन्हें पर्यटन स्थल के रूप में उपयोग करने की क्षमता पर चर्चा की। गौरव नागर द्वारा संचालित दूसरा सत्र भी “लाइटहाउस को सुरक्षित रखने और संरक्षण” पर केंद्रित था। राजा परीजा, कैप्टन देवब्रत मिश्रा और संगीता ठाकुर जैसे विशेषज्ञों ने पर्यटन की बढ़ती मांग के साथ विरासत संरक्षण को संतुलित करते हुए टिकाऊ संरक्षण तकनीकों पर विचार-विमर्श किया।
इस संवादमूलक वार्ता ने भारत में लाइटहाउस पर्यटन को मजबूत करने के लिए प्रमुख उद्योग खिलाड़ियों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित किया। इस सम्मेलन के माध्यम से, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय का उद्देश्य इतिहास और पर्यटन के अनूठे मिश्रण के बारे में जागरूकता फैलाना है जिसका प्रतिनिधित्व लाइटहाउस करते हैं और यह संदेश देना भी है कि कैसे उनका संरक्षण भविष्य की पीढ़ियों के लिए आवश्यक है। इस कार्यक्रम लाइटहाउस पर्यटन क्षेत्र में आगामी पहलों और सहयोग के लिए मंच तैयार किया है।