भारत और सिंगापुर के मंत्रियों की दूसरी गोलमेज बैठक आज सिंगापुर में हुई। बैठक के दौरान भारत और सिंगापुर के नेताओं ने दोनों देशों के बीच उभरते हुए और भावी क्षेत्रों में सहयोग बढाने के तौर-तरीकों पर विचार किया। दोनों देशो ने छह प्रमुख क्षेत्रों का चयन किया। इनमें डिजिटलीकरण, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा तथा अत्याधुनिक विनिर्माण और संपर्क सुविधाएं शामिल है।
बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन, विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर, रेलवे, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हिस्सा लिया। सिंगापुर की ओर से वहां के उप-प्रधानमंत्री गन किंम योंग ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
नेताओं ने भारत और सिंगापुर के बीच कूटनीतिक संबंधों की 60वीं वर्षगाठ मनाने की योजना पर भी चर्चा की। उन्होंने आसियान और जी-20 देशों सहित क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग पर भी विचार विमर्श किया।
इससे पहले भारतीय मंत्रियों ने सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन षणमुगरत्नम और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात की। इन नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सिंगापुर के राष्ट्रपति को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
एक नये समूह- भारत सिंगापुर मंत्री स्तरीय गोलमेज सम्मेलन-आईएसएमआर की स्थापना नई दिल्ली, में सितंबर 2022 में, द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के उद्देश्य से की गई थी। मत्रियों का यह समूह डिजिटल कनेक्टिविटी, फिंटेक, हरित अर्थव्यवस्था, ग्रीन हाईड्रोजन कौशल विकास और खाद्य सुरक्षा पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है।
भारत और सिंगापुर के बीच आपसी व्यापार में निरंतर वृद्धि हुई है। सिंगापुर भारत का छठा सबसे बडा व्यापार भागीदार है। भारत के समग्र व्यापार में सिंगापुर की हिस्सेदारी दो दशमलव नौ प्रतिशत है और यह भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है।