जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बादल फटने और बाढ़ की दो अलग-अलग घटनाओं में सात लोगों की मौत, राहत तथा बचाव अभियान जारी
जम्मू-कश्मीर के कठुआ ज़िले में आज तड़के बादल फटने और अचानक आई बाढ़ की दो अलग-अलग घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गई तथा पांच अन्य घायल हो गए। ज़िले में रात भर हुई तेज बारिश के बीच राजबाग़ और जंगलोट के जोध घाटी गांवों में यह आपदा आई है। पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय स्वयंसेवको का संयुक्त बचाव अभियान जारी है। कठुआ के ज़िला विकास आयुक्त राजेश शर्मा, सिविल और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ बचाव तथा राहत अभियान की निगरानी के लिए घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं।
जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार ने बताया कि प्रभावित लोगों को हेलीकॉप्टरों से निकाला जा रहा है।
कठुआ में रात से हैवी रेन हो रहा था। जोथाना, जखोल, वाघा वाले एरिया में फ्लैश फ्लड हुआ है। उस फ्लैश फ्लड में दुर्भाग्यवश जो है लैंडस्लाइड होने की वजह सात लोगों की जान गई है। पूरा वहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। आर्मी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सिविल एडमिशन, पुलिस कर रही है उसमें जो लोगों को जो था उनको रेस्क्यू भी किया गया। कुछ लोग जो है उनको हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा है, क्योंकि वहां से एक्सेसिबिलिटी कट गई है। तो वहां पर अभी हालत ठीक है जो दुर्भाग्यवश जिनकी डेथ हो गई थी, लैंड स्लाइड से उनको निकाला गया है।
जम्मू-कश्मीर में तेज बारिश के कारण ज्यादातर जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है और उझ नदी ख़तरे के निशान के करीब पहुंच गई है। ज़िला प्रशासन स्थिति पर कड़ी नज़र रखे हुए है और लोगों को नदियों, तालाबों तथा नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कठुआ में बादल फटने की घटना को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा तथा मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की और केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सिविल प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल राहत तथा बचाव अभियान में जुटे हुए हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया है और प्रशासन को लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राहत, बचाव तथा निकासी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया है।
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को किश्तवाड में बादल फटने से प्रभावित चिसोती गांव पहुंचकर बचाव और राहत कार्यों का जायजा लिया। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।