सर्वोच्च न्यायालय ने डॉक्टरों को मरीजों के लिए किसी विशेष कंपनी की दवाईयां न लिखने और सिर्फ जेनेरिक दवाईयां लिखने का आदेश दिया है। राजस्थान उच्च न्यायालय पहले ही यह आदेश दे चुका है।
दवा कंपनियों की मनमानी से जुडी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने कहा कि यदि इस निर्णय का पूरे देश में पालन किया जाए तो इससे महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है।
सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों, न्यायमूर्ति संदीप मेहता, न्यायामूर्ति विक्रम नाथ और संजय करोल की पीठ ने यह आदेश दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इससे डॉक्टरों को दवाऐं बेचने वाली कंपनियों द्वारा कथित तौर पर रिश्वत देने का मुद्दा हल हो जाएगा। राजस्थान में इस संबंध में एक कार्यकारी आदेश जारी किया गया है।
आदेश में कहा गया है कि डॉक्टरों को मरीजों के लिए जेनेरिक दवाईयां ही लिखनी होंगी। डॉक्टर मरीजों को किसी भी विशेष कंपनी की दवाईयों नहीं लिख सकते। न्यायालय ने कहा कि इस फैसले से चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार होगा।
निर्वाचन आयोग ने आज देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर…
बिहार में, मतदाता सूची 2025 का मसौदा आज सभी 38 जिला निर्वाचन अधिकारियों और जिलाधिकारियों…
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम-एनपीसीआई ने आज से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस-यूपीआई के नए नियम लागू कर…
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज के अनिश्चित समय में सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने…
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने ग्राहक लेनदेन के लिए आधार के माध्यम से पहचान…
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज दिल्ली में आयोजित ‘मेघालय अनानास महोत्सव-2025’ में शामिल हुए।…