तेलंगाना पुलिस ने रोहित वेमुला से संबंधित मामले को बंद करने की रिपोर्ट उच्च न्यायालय को सौंप दी है। रोहित वेमुला ने हैदराबाद विश्वविद्यालय में जनवरी 2016 में आत्महत्या कर ली थी। यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), और एससी/एसटी अत्याचार निवारण (पीओए) अधिनियम की अन्य धाराओं के तहत दर्ज किया गया था।
पुलिस की जांच बताती है कि वेमुला की आत्महत्या उनकी वास्तविक जाति का खुलासा किये जाने के डर से प्रेरित है। कल रात पुलिस ने बताया कि वह इस मामले में और जांच करेगी। पुलिस ने रिपोर्ट में बताया है कि रोहित वेमुला का अनुसूचित जाति समुदाय से होने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलने के कारण वह इस मामले को बंद कर रही है। न्यायालय में मामले को बंद करने की रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद कुछ विद्यार्थियों ने हैदराबाद विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन किया।
पुलिस महानिदेशक रवि गुप्ता ने बताया कि मृतक रोहित वेमुला को लेकर हुई जांच पर उनकी मां और अन्य लोगों ने कुछ संदेह व्यक्त किया है। इसलिए इस मामले में और जांच करने का निर्णय लिया गया है। एक नोट में उनके कार्यालय ने कहा है कि आगे की जांच की अनुमति के लिए मजिस्ट्रेट से अनुरोध करने से संबंधित एक याचिका न्यायालय में दर्ज की जाएगी।
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