21 मई 2024 को ट्राई मुख्यालय, नई दिल्ली में नियामकों की संयुक्त समिति (जेसीओआर) की एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में जेसीओआर के सदस्य के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (एमओसीए) और ट्राई के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। दूरसंचार विभाग (डीओटी) और गृह मंत्रालय (एमएचए) के प्रतिनिधियों ने विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में भाग लिया। ट्राई के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने भी बैठक को संबोधित किया। जेसीओआर डिजिटल दुनिया में नियामक निहितार्थों का अध्ययन करने और नियमों पर सहयोगात्मक रूप से काम करने के लिए ट्राई की एक सहयोगी पहल है।
अनपेक्षित वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) जनता की असुविधा का एक प्रमुख स्रोत है और उनकी गोपनीयता का उल्लंघन करता है। धोखाधड़ी करने वाले भी दुरुपयोग के लिए यूसीसी को अपनाते हैं। बैठक में यूसीसी और धोखाधड़ी से दूरसंचार संसाधनों द्वारा निपटने के लिए विभिन्न संभावित सहयोगात्मक दृष्टिकोण और उपायों पर चर्चा की गई। चर्चा किए गए प्रमुख मुद्दे नीचे दिए गए हैं-
- अनधिकृत 10 अंकों वाले मोबाइल और लैंडलाइन नंबरों से अनचाही कॉलें।
- प्रचार कॉल करने के लिए प्रमुख संस्थाओं (दूरसंचार संसाधनों का उपयोग करके वाणिज्यिक संचार करने वाली संस्थाएं) द्वारा 140 सीरीज का उपयोग।
- उपभोक्ताओं द्वारा आसान पहचान के लिए सेवा और लेन-देन संबंधी कॉल करने के लिए प्रमुख संस्थाओं द्वारा 160 सीरीज का उपयोग।
- यूसीसी कॉल और संदेशों की रोकथाम में प्रमुख संस्थाओं, विशेष रूप से बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्त सेवा और बीमा) क्षेत्र की संस्थाओं की भूमिका।
- ओटीपी का उपयोग करके ग्राहक से एक सरल और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा स्थापित डिजिटल सहमति अधिग्रहण (डीसीए) प्रणाली के माध्यम से प्रमुख संस्थाओं द्वारा डिजिटल सहमति का अधिग्रहण। डीसीए ग्राहकों द्वारा सहमति को रद्द करने की भी अनुमति देता है।
- सामग्री टेम्पलेट्स में यूआरएल/एपीएस/ओटीटी लिंक/कॉल बैक नंबरों की श्वेतसूची।
- दूरसंचार संसाधनों का उपयोग करके धोखाधड़ी पर नियंत्रण एवं केवाईसी प्रक्रिया को और मजबूत करना।
- विभिन्न मंचों के माध्यम से सूचना का आदान-प्रदान।