केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने कहा है कि केरल और असम में गंभीर बाढ़ दो चक्रवाती प्रणालियों के कारण आई है। इसने इस संबंध में निरंतर निगरानी और तैयारी के लिए परामर्श जारी किया है।
आयोग ने अपनी बाढ़ स्थिति रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण वर्षा और इसके परिणामस्वरूप गंभीर बाढ़ की स्थिति का विवरण दिया गया है। इसमें केरल और असम को सबसे अधिक प्रभावित बताया गया है। अरुणाचल प्रदेश के ऊपर बनी एक चक्रवाती स्थिति और बंगाल की खाड़ी से आने वाली तेज़ हवाएं असम, मेघालय और सिक्किम जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश लेकर आई हैं। दक्षिण केरल के अपतटीय क्षेत्र में एक चक्रवात उत्पन्न होने के कारण केरल में भारी वर्षा हुई है।
मौसम विभाग (आईएमडी) ने और अधिक भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है, जिसकी वजह से दोनों क्षेत्रों में नदियां उफान पर हैं। परामर्श में कहा गया है कि असम में सुबनसिरी, जियाभराली और कोपिली जैसी प्रमुख नदियों में उफान से तिनसुकिया, दरांग और नलबाड़ी जैसे जिले प्रभावित हो रहे हैं।
हालांकि बराक जैसी कुछ नदियों में जलस्तर में कमी देखी जा रही है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है। परामर्श में कहा गया है कि केरल में अत्यंत भारी बारिश हुई है जहां उडुम्बन्नूर में 23 सेमी और उरुमी में 14 सेमी बारिश दर्ज की गई है। कोट्टायम और पूंजर में 11 सेमी बारिश हुई, जबकि वदावथुर में 10 सेमी बारिश हुई।
केंद्रीय जल आयोग ने मुवत्तुपुझा, गायत्री, थोडुपुझा, भरतपुझा, काबिनी, करुवन्नूर और पेरियार सहित राज्य भर की कई नदियों में संभावित जलस्तर बढ़ने की चेतावनी दी है। आईएमडी का अनुमान है कि त्रिशूर, कोझिकोड, इडुक्की, पलक्कड़, मलप्पुरम और वायनाड जैसे जिलों में भारी बारिश जारी रहेगी।
सीडब्ल्यूसी ने विशेष रूप से असम और केरल में संभावित बाढ़ को लेकर निरंतर निगरानी और तैयारी की सलाह दी है। बाढ़ की स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और अधिक विवरण तथा अद्यतन जानकारी केंद्रीय जल आयोग एवं आईएमडी वेबसाइट पर उपलब्ध है।