भारत

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाइब्रिड एन्युटी मोड (HAM) पर मेघालय के मावलिंगखुंग तक 166.80 किलोमीटर के ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर विकसित करने को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने हाइब्रिड एन्युटी मोड (सार्वजनिक-निजी भागीदारी वार्षिकी परियोजना लागत भुगतान) पर मेघालय के मावलिंगखुंग (शिलांग के निकट) से असम के पंचग्राम (सिलचर के निकट) तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 06 के 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस नियंत्रित 166.80 किलोमीटर मार्ग के विकास, रखरखाव और प्रबंधन प्रस्ताव को मंजूरी दी है। परियोजना की पूंजीगत लागत 22,864 करोड़ रुपये है। 166.80 किलोमीटर लंबी परियोजना का 144.80 किलोमीटर हिस्सा मेघालय और 22 किलोमीटर असम में पड़ता है।

प्रस्तावित ग्रीनफील्ड (नवीन) हाई-स्पीड गलियारे से गुवाहाटी से सिलचर जाने वाले यातायात सेवा में सुधार होगा। इस कॉरिडोर के विकास से त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम के बराक घाटी क्षेत्र से मुख्य भूमि-क्षेत्र और गुवाहाटी तक सड़क संपर्क में सुधार होगा और दूरी तथा यात्रा अवधि में काफी कमी आएगी। यह देश के परिचालन तंत्र दक्षता को बढ़ाने में योगदान देगा।

यह गलियारा असम और मेघालय के बीच सड़क संपर्क बेहतर बनाएगा और मेघालय के सीमेंट और कोयला उत्पादन क्षेत्रों से गुजरने के कारण वहां के उद्योगों के विकास सहित आर्थिक प्रगति में बढ़ावा देगा। गुवाहाटी को सिलचर से जोड़ने वाला यह गलियारा गुवाहाटी हवाई अड्डे, शिलांग हवाई अड्डे, सिलचर हवाई अड्डे (मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-6 के माध्यम से) से आने वाले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए काफी उपयोगी होगा। यह पूर्वोत्तर के सुरम्य आकर्षक पर्यटक केंद्रों को जोड़ेगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

यह महत्वपूर्ण ढांचागत परियोजना री भोई, पूर्वी खासी पहाड़ियों, पश्चिम जैंतिया पहाड़ियों, मेघालय के पूर्वी जैंतिया पहाड़ियों और असम में कछार जिले से गुजरेगी और गुवाहाटी, शिलांग और सिलचर के बीच अंतर-शहर संपर्क में भी सुधार लाएगी। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-06 पर वाहन भीड़भाड़ भी कम होगी और यह पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप परिवहन अवसंरचना विकास को बढ़ावा देगी।

यह परियोजना एनएच-27, एनएच-106, एनएच-206, एनएच-37 सहित प्रमुख परिवहन गलियारों के साथ जुड़ी है, जो गुवाहाटी, शिलांग, सिलचर, डिएंगपासोह, उम्मुलोंग, फ्रामर, ख्लेहरियत, रताचेर्रा, उमकिआंग, कलैन को निर्बाध संपर्क प्रदान करती है।

शिलांग-सिलचर कॉरिडोर परियोजना का काम पूरा होने पर यह क्षेत्र के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाएगी। इससे गुवाहाटी, शिलांग, सिलचर, इंफाल, आइज़ॉल और अगरतला के बीच संपर्क बेहतर होगा। यह परियोजना सरकार के आत्मनिर्भर भारत की भविष्य दृष्टि योजना के अनुरूप है, जो मेघालय, असम, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में रोजगार सृजन और सामाजिक-आर्थिक प्रगति में योगदान देते हुए बुनियादी ढांचे को व्यापक बनाएगी।

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