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Union Commerce and Industry Minister Piyush Goyal concludes successful visit to Switzerland, India-Switzerland partnership under EFTA TEPA gains momentum
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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की स्विट्जरलैंड की सफल यात्रा सम्‍पन्‍न, EFTA TEPA के अंतर्गत भारत-स्विट्जरलैंड साझेदारी को गति मिली

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 9 से 10 जून, 2025 तक स्विटजरलैंड की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की। इसके बाद उन्‍होंने आज स्वीडन में अपने आधिकारिक कार्यक्रमों की शुरुआत की। उनकी स्विटजरलैंड यात्रा के दौरान भारत-स्विटजरलैंड आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने और इस वर्ष की शुरुआत में भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के बीच हस्ताक्षरित व्यापार एवं आर्थिक भागीदारी समझौते (टीईपीए) को क्रियान्वित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

पीयूष गोयल ने इस यात्रा के दौरान स्विस सरकार और उद्योग जगत के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठकें कीं। इन बैठकों का उद्देश्य रणनीतिक तालमेल को मजबूत करना और व्यापार, निवेश एवं नवाचार-आधारित विकास के लिए नए अवसरों को तलाशना था। उन्होंने संघीय आर्थिक मामलों, शिक्षा और अनुसंधान (ईएईआर) के संघीय विभाग के प्रमुख, फेडरल काउंसलर गाइ परमेलिन तथा राज्य सचिव हेलेन बुडलिगर आर्टिएडा से मुलाकात की और टीईपीए के कार्यान्वयन के लिए एक दूरदर्शी रोडमैप तैयार किया। ये चर्चाएं विनियामक सहयोग, कौशल विकास, नवाचार साझेदारी और निवेश पर केंद्रित थीं।

पीयूष गोयल ने बायोटेक और फार्मा, स्वास्थ्य सेवा, इंजीनियरिंग, रक्षा और उभरती प्रौद्योगिकियों सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े स्विस उद्योग के नेताओं के साथ विस्‍तृत वार्ता की। पीयूष गोयल ने क्षेत्रीय गोलमेजों और द्विपक्षीय बैठकों में भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति व नीतिगत स्थिरता पर चर्चा करने के साथ-साथ वैश्विक निवेशकों के लिए एक अनुकूल और सुविधाजनक माहौल तैयार करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला। कंपनियों ने भारत के महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचे के विस्तार, प्रौद्योगिकी-संचालित शासन और बढ़ते घरेलू उपभोग का स्‍वागत किया तथा भारत को विकास गंतव्य और वैश्विक विनिर्माण का केंद्र माना।

इस यात्रा का एक मुख्य आकर्षण, 10 जून को ज्यूरिख में आयोजित 18वें स्विसमेम उद्योग दिवस में पीयूष गोयल की भागीदारी थी। स्विट्जरलैंड के मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और मेटल (एमईएम) उद्योगों का प्रतिनिधित्व करने वाले शीर्ष संगठन स्विसमेम के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ सदस्यों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस कार्यक्रम में यूरोप भर से 1,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस दौरान औद्योगिक नवाचार, स्थिरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता पर चर्चा हुई। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत और स्विट्जरलैंड को स्वाभाविक साझेदार के रूप में देखा जाता है।

पीयूष गोयल ने अपने मुख्य भाषण में एसएमई और डीप-टेक इनोवेटर्स सहित स्विस कंपनियों को टीईपीए द्वारा पेश किए गए नए व्यापार ढांचे का लाभ उठाकर भारत में निवेश बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश, विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग प्रतिभा और मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं के बारे में बात की। इसके साथ ही उन्‍होंने स्विस उद्योग को ग्‍लोबल साउथ के लिए अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाने, स्थानीय विनिर्माण आधार स्थापित करने और प्रौद्योगिकियों का सह-निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित किया। टीईपीए को “विश्वास और दक्षता भागीदारी समझौता” के रूप में संदर्भित करते हुए, उन्होंने भारत और स्विट्जरलैंड के बीच पूरकता की भावना और वैश्विक बाजारों को संयुक्त रूप से पेश किए जा सकने वाले अनूठे मूल्य पर जोर दिया।

इसका एक तात्कालिक परिणाम यह हुआ कि भारत में बढ़ती उपस्थिति वाली वैश्विक प्रक्रिया स्वचालन कंपनी एन्ड्रेस+हौसर द्वारा किए गए सुविधा अनुरोध का त्वरित समाधान किया गया। चर्चा के दौरान, कंपनी ने महाराष्ट्र में अपनी मौजूदा संयंत्र के पास लैंड पार्सल की उपलब्धता का मुद्दा उठाया। कुछ ही घंटों में, पीयूष गोयल और भारतीय अधिकारियों के समन्वित प्रयासों से इस मामले का समाधान कर दिया गया। इससे निवेशकों की चिंताओं को तेजी से दूर करने और निर्बाध कारोबारी माहौल सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता का पता चलता है। उद्योग जगत के सदस्यों ने इस समाधान की सराहना उत्तरदायी शासन के एक मॉडल के रूप में की।

पीयूष गोयल ने भारत में रुचि दिखाने वाली स्विस कंपनियों के साथ सीधी बातचीत भी की। इनमें विस्तार रणनीतियों, नए अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करने, स्थानीयकरण को मजबूत करने, प्रतिभा विकास और मजबूत एमएसएमई संपर्क बनाने पर चर्चा शामिल थी। कई कंपनियों ने भारत को न केवल घरेलू बाजार के रूप में बल्कि वैश्विक विनिर्माण और निर्यात आधार के रूप में उपयोग करने की अपनी मंशा व्यक्त की। उन्नत विनिर्माण, औद्योगिक स्वचालन, स्वच्छ प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा नवाचार जैसे क्षेत्रों में उनकी विशेष रुचि देखी गई।

अपने पूरे कार्यक्रम के दौरान मंत्री महोदय के साथ एसोचैम, सीआईआई और फिक्की जैसे भारतीय उद्योग संघों का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी था, जिन्‍होंने आर्थिक कूटनीति के प्रति भारत के समग्र सरकार और समग्र उद्योग दृष्टिकोण को रेखांकित किया।

भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) के स्विट्जरलैंड चैप्टर के सदस्यों के साथ अपनी बैठक में पीयूष गोयल ने वित्तीय उत्कृष्टता और पेशेवर मानकों के लिए भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा बनाने में उनके योगदान की सराहना की।

यह यात्रा, भारत-स्विट्जरलैंड साझेदारी को बढ़ाने की साझा अपेक्षा और आपसी प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुई। विभिन्न क्षेत्रों के स्विस हितधारकों ने वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रूप में भारत के उदय में विश्वास व्‍यक्‍त किया और भारत सरकार के सहयोगात्मक और सुधारोन्मुख दृष्टिकोण का स्वागत किया।

चूंकि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, इस यात्रा ने स्विटजरलैंड जैसे नवाचार-संचालित वह विश्वसनीय भागीदारों के साथ त्वरित सहयोग के लिए माहौल तैयार किया है। टीईपीए के माध्‍यम से दोनों देश व्यापार, निवेश और ज्ञान साझेदारी में अवसरों को प्रशस्‍त करने के लिए तैयार हैं।

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