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Piyush Goyal addresses RISE DEL 2025, a three-day multi-disciplinary conference on music, creative industries and startups in New Delhi
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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिए इटली की आधिकारिक यात्रा पर रवाना

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज इटली की अपनी आधिकारिक यात्रा शुरू की। दो दिवसीय यात्रा 4-5 जून, 2025 को निर्धारित है। उनकी यह यात्रा भारत और फ्रांस के बीच आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने पर केंद्रित अनेक कार्यक्रमों के आयोजन के बाद समाप्त होगी। इटली की उनकी यह यात्रा प्रमुख यूरोपीय भागीदारों के साथ रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के साथ-साथ इटली के साथ द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश संबंधी सहयोग को और भी अधिक मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।

यात्रा के दौरान, पीयूष गोयल इटली के उप प्रधानमंत्री तथा विदेश और अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री एंटोनियो तजानी के साथ इंडिया-इटली ज्वाइंट कमीश्न फॉर इकॉनोमिक को-ओपरेशन (जेसीईसी) के 22वें सत्र की अध्यक्षता करेंगे।

यह सहभागिता भारत-इटली संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना (जेएसएपी) 2025-2029 के शुभारंभ के बाद भारत-इटली द्विपक्षीय संबंधों में एक निर्णायक चरण के संदर्भ में हो रही है। नवंबर 2024 में रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के बीच बैठक के बाद घोषित जेएसएपी को दस विषयगत स्तंभों पर बनाया गया है, जिसमें आर्थिक सहयोग मुख्य फोकस क्षेत्र है।

रोम में 22वां जेसीईसी सत्र दोनों पक्षों को उद्योग 4.0, कृषि प्रौद्योगिकी, डिजिटलीकरण, ऊर्जा परिवर्तन, सतत आवागमन और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) जैसे उच्च प्रभाव वाले क्षेत्रों में प्रगति का आकलन एवं सहयोग के लिए नए रास्ते तलाशने का अवसर प्रदान करेगा। इन विचार-विमर्शों से द्विपक्षीय आर्थिक संपर्क को और मजबूत करने और रणनीतिक औद्योगिक साझेदारी को बढ़ावा देने की उम्मीद है।

पीयूष गोयल ब्रेशिया में इंडिया-इटली ग्रोथ फोरम में एक उच्चस्तरीय भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी करेंगे, जो एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। फोरम निवेश को बढ़ावा देने, कारोबार-से-कारोबार के बीच संबंध बनाने और नवाचार और स्थायित्व से जुड़े क्षेत्रों में तालमेल बिठाने के लिए दोनों देशों के प्रमुख उद्यमों और हितधारकों को एक साथ लाएगा।

यह यात्रा भारत और उसके यूरोपीय भागीदारों के बीच बढ़ती राजनीतिक इच्छाशक्ति और आर्थिक आकांक्षाओं को दर्शाती है। इसका उद्देश्य नेतृत्व के साझा दृष्टिकोण को टिकाऊ साझेदारी में बदलना है, जो समावेशी विकास, औद्योगिक परिवर्तन और वैश्विक आर्थिक मजबूती को बढ़ावा दे।

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