प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता के तहत और संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया के मार्गदर्शन में, डाक विभाग (डीओपी) ने सफलतापूर्वक आईटी 2.0 – एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी (एपीटी) को शुरू किया है। यह ऐतिहासिक डिजिटल उन्नयन, विभाग के 1.65 लाख डाकघरों में से प्रत्येक के आधुनिकीकरण की यात्रा में एक परिवर्तनकारी कदम है, जो भारत सरकार के डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया के दृष्टिकोण के अनुरूप है। आईटी 2.0 देश के हर कोने में तेज, अधिक विश्वसनीय और नागरिक-केंद्रित डाक और वित्तीय सेवाएं लाता है, जो समावेशिता और सेवा उत्कृष्टता के लिए भारतीय डाक की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
एपीटी की प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं:
- माइक्रो-सर्विसेज, ओपन एपीआई आधारित आर्किटेक्चर
- सिंगल, यूनिफायड यूजर इंटरफेस
- क्लाउड रेडी डिप्लॉयमेंट
- बुकिंग से लेकर डिलीवरी तक संपूर्ण डिजिटल समाधान
- अगली पीढ़ी की कार्यक्षमता – क्यूआर-कोड भुगतान, ओटीपी आधारित डिलीवरी, आदि।
- ओपन नेटवर्क सिस्टम – ग्रामीण क्षेत्रों में भी विश्वसनीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है
- 10-अंक के अल्फान्यूमेरिक डिजिपिन (डीआईजीआईपीआईएन) – डिलीवरी की सटीकता बढ़ाने के लिए
- बेहतर रिपोर्टिंग और विश्लेषण
इसे चरणबद्ध और सुव्यवस्थित तरीके से लागू किया गया। कर्नाटक डाक मंडल (मई-जून 2025) में एक सफल प्रायोगिक परियोजना के बाद, प्राप्त अनुभवों को प्रणाली और रणनीति को और परिष्कृत करने के लिए शामिल किया गया। इसके बाद एक सावधानीपूर्वक चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रव्यापी शुरुआत की गई, जिसमें देश के सभी 23 डाक परिमंडलों को शामिल किया गया। यह प्रक्रिया 4 अगस्त 2025 को पूर्ण हुई, जब 1.70 लाख से अधिक कार्यालयों — जिसमें सभी डाकघर, मेल ऑफिस और प्रशासनिक इकाइयां शामिल हैं — एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी (एपीटी) पर सक्रिय हो गए।
यह समझते हुए कि तकनीकी बदलाव की सफलता उसके कर्मचारियों पर निर्भर करती है, इंडिया पोस्ट ने “ट्रेन – रीट्रेन – रिफ्रेश” के सिद्धांत के तहत मास्टर ट्रेनर्स, यूजर चैंपियंस और एंड-यूजर्स को शामिल करते हुए कैस्केड मॉडल के माध्यम से 4.6 लाख से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया। इससे हर स्तर पर तत्परता सुनिश्चित हुई और पूरे देश में इसे सुचारू रूप से अपनाया गया।
इस प्रणाली ने अपनी क्षमता और मजबूती को पहले ही साबित कर दिया है, क्योंकि यह एक ही दिन में 32 लाख से अधिक बुकिंग और 37 लाख से अधिक डिलीवरी को सफलतापूर्वक संभाल चुकी है।
आईटी 2.0 के पूरा होने के साथ, भारतीय डाक ने एक आधुनिक, प्रौद्योगिकी-संचालित सेवा प्रदाता के रूप में अपनी स्थिति की पुष्टि की है, साथ ही विश्वास और बेजोड़ पहुंच की अपनी विरासत को कायम रखा है। एपीटी की सफलता भारतीय डाक के कार्यबल के समर्पण और ग्रामीण-शहरी डिजिटल विभाजन को पाटने, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और प्रत्येक नागरिक को विश्व स्तरीय सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।