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Union Health Minister J.P. Nadda chaired a high-level meeting on preparedness of public health systems for the onset of monsoon and prevention, control and management of dengue
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने मानसून की शुरुआत और डेंगू के रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारियों का एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने मानसून की शुरुआत और डेंगू के मामलों में बढ़ोत्तरी के मद्देनजर डेंगू की स्थिति और उसके रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी की स्थिति की समीक्षा के लिए आज (10 जुलाई, 2024) एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की

मंत्री महोदय को देश भर में डेंगू की स्थिति और मंत्रालय की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। यह बताया गया कि केंद्रित, समयबद्ध और सहयोगात्मक गतिविधियों के परिणामस्वरूप डेंगू से होने वाली मृत्यु दर 3.3 प्रतिशत (1996) से घटकर 2024 में 0.1 प्रतिशत हो गई है। मानसून की शुरुआत से उत्पन्न चुनौती और बरसात के मौसम के दौरान डेंगू के मामलों की बढ़ती संख्या के खतरे को रेखांकित करते हुए, जे.पी. नड्डा ने डेंगू के खिलाफ तैयार रहने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को डेंगू के खिलाफ रोकथाम, उसके नियंत्रण और प्रबंधन संबंधी कदमों को मजबूत करने और इससे लड़ने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया।

जे.पी.नड्डा ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे मुख्य रूप से उन राज्यों और क्षेत्रों पर अपना ध्यान केंद्रित करें, जहां से अक्सर डेंगू के प्रकोप की रिपोर्टें आती हैं। उन्होंने अधिकारियों से डेंगू की रोकथाम पर ठोस परिणाम लाने के लिए राज्यों के साथ सक्रिय रूप से काम करने का आग्रह किया। उन्होंने, डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों पर संवेदनशीलता के लिए, विशेष रूप से, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए), ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी), शिक्षा मंत्रालय, नगर निगमों और स्थानीय स्वशासन निकायों को शामिल करते हुए अंतर-मंत्रालयी अभिसरण बैठक पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि केंद्र डेंगू गतिविधियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए समय पर कार्रवाई करने के लिए राज्यों के साथ सक्रिय रूप से संवाद कर रहा है। डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण पर हितधारकों और मंत्रालयों को उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न सेक्टरों के बीच बैठकें आयोजित की गई हैं। उन्होंने बताया, “केंद्र सरकार लंबे समय से तकनीकी और बजटीय समर्थन प्रदान कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप आने वाले वर्षों में ये गतिविधियां और मजबूत होंगी।”

संचार और जागरूकता बढ़ाने की गतिविधियों के महत्व पर रोशनी डालते हुए, मंत्री महोदय ने कहा कि एडीस मच्छर के बारे में समुदायों को संवेदनशील बनाने के लिए, जो आम तौर पर दिन के समय काटता है, स्कूल जाने वाले बच्चों और अन्य लोगों के बीच ऐसे कपड़े पहनने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए, जो शरीर को पूरी तरह से ढक कर रखें और पानी के कंटेनरों, बर्तनों आदि को ठहरे हुए पानी से मुक्त रखने का काम बड़े पैमाने पर किया जाएगा। देशभर में टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया आदि प्लेटफार्मों के माध्यम से जागरूकता के लिए एक राष्ट्रव्यापी आईईसी अभियान चलाया जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को डेंगू की रोकथाम और जागरूकता के लिए 24/7 केंद्रीय हेल्पलाइन नंबर बनाने और लक्षणों, उपचार प्रोटोकॉल और आपातकालीन स्थिति के दौरान सहायता देने के निर्देश दिए। राज्यों को भी इसी तरह के हेल्पलाइन नंबर चालू करने की सलाह दी गई।

जे.पी. नड्डा ने एम्स और सभी केंद्रीय सरकारी अस्पतालों को समर्पित डेंगू वार्ड बनाने का निर्देश दिया है, जो पूरी तरह से प्रशिक्षित जनशक्ति, दवाओं और इससे संबंधित अन्य संचालन व्यवस्था से सुसज्जित हों। उन्हें अपनी नैदानिक ​​सुविधाओं का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए एक रेफरल प्रणाली बनाने का भी निर्देश दिया गया है।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. अतुल गोयल ने डेंगू के प्रकोप को रोकने के लिए राज्यों में नगर निकायों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इमारतों को मच्छरों के प्रजनन से बचाने के लिए कूलरों और टैंकों को साफ-सुथरा रखने का भी सुझाव दिया।

देशभर में डेंगू की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए निम्नलिखित उपाय किए गए हैं:

  • केंद्र सरकार ने डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम और नियंत्रण की तैयारियों पर राज्यों को जागरूक करने के लिए 2024 में 14 परामर्श जारी किए हैं। राज्यों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए समय-समय पर उच्च-स्तरीय बैठकें आयोजित की गई हैं।
  • निःशुल्क निदान और रोग निगरानी के लिए, सेंटिनल सर्विलांस अस्पताल 2007 में 110 से बढ़कर 2024 में 848 हो गए।
  • मानसून-पूर्व निवारक गतिविधियां शुरू करने के लिए, देशभर में 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा 10 अगस्त, 2023 को केस प्रबंधन से संबंधित अद्यतन राष्ट्रीय दिशानिर्देश जारी किए गए।
  • मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों के मास्टर प्रशिक्षकों को नैदानिक ​​​​प्रबंधन में सुधार और डेंगू से होने वाली मौतों को रोकने के लिए अद्यतन दिशा-निर्देशों से संबंधित चार राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षणों में प्रशिक्षित किया गया।
  • बीमारी की स्थिति की समीक्षा, राज्यों द्वारा की गई कार्रवाइयों और बीमारी की रोकथाम के लिए तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए केंद्रीय दलों को भी नियमित आधार पर राज्यों में तैनात किया जाता है। राज्यों को डेंगू और चिकनगुनिया दोनों के लिए पर्याप्त डायग्नोस्टिक किट भी उपलब्ध कराए गए हैं।

अपूर्व चंद्रा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव; आराधना पटनायक, अपर सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय; एल. एस. चंगसन, अपर सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय; डॉ. अतुल गोयल, डीजीएचएस; वंदना जैन, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय; प्रोफेसर एम श्रीनिवास, निदेशक, एम्स नई दिल्ली; डॉ. सरिता बेरी, निदेशक, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज; डॉ. वंदना तलवार, चिकित्सा अधीक्षक, सफदरजंग अस्पताल; डॉ. अजय शुक्ला, चिकित्सा अधीक्षक, राम मनोहर लोहिया अस्पताल; स्वास्थ्य मंत्रालय के एनसीवीबीडीसी की निदेशक डॉ तनु जैन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।

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