केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज विश्व टीकाकरण सप्ताह (24-30 अप्रैल) के पहले दिन राष्ट्रीय शून्य खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान 2025-26 का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया, जो वर्ष 2026 तक खसरा और रूबेला को समाप्त करने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर जगत प्रकाश नड्डा ने समुदायों में जागरूकता पैदा करने के लिए बहुभाषी एमआर आईईसी सामग्री (पोस्टर, रेडियो जिंगल, एमआर उन्मूलन और आधिकारिक यू-विन शुभारंभ फिल्म) जारी की। इन प्रचार सामग्रियों को एमआर उन्मूलन अभियान 2025-26 के दौरान जारी करने के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किया गया है।
जे.पी. नड्डा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि, “आज खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान 2025-26 का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण अवसर है। हम बच्चों को खसरा और रूबेला के टीके की दो खुराक देकर 100 प्रतिशत टीकाकरण कवरेज कर उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली जीवनशैली प्रदान करेंगे। जगत प्रकाश नड्डा ने इन रोगों के अत्यधिक संक्रामक देने का स्मरण दिलाते हुए कहा कि यह योग अत्यधिक संक्रामक प्रकृति का होने के कारण न केवल बच्चों के जीवन को बाधित करता है, बल्कि माता-पिता के लिए भी दुख का कारण बनता है। जगत प्रकाश नड्डा ने टीकाकरण से एक भी बच्चे के वंचित ना रहने को सुनिश्चित करने के महत्व को भी रेखांकित किया।
जगत प्रकाश नड्डा ने वर्ष 2024 में मीजल्स एंड रूबेला पार्टनरशिप द्वारा प्रतिष्ठित मीजल्स एंड रूबेला चैंपियन पुरस्कार प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि “जनवरी-मार्च 2025 के दौरान देश के 332 जिलों में खसरे का कोई मामला सामने नहीं आया और 487 जिलों में रूबेला का कोई मामला सामने नहीं आया। यह एमआर उन्मूलन के लक्ष्य में प्राप्त की गई प्रगति को रेखांकित करता है।”
जगत प्रकाश नड्डा ने आईडीएसपी को सक्रिय रखने और निगरानी को मजबूत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हमें एमआर के उन्मूलन को उसी तरह लक्षित करना होगा जिस तरह पोलियो और मातृ एवं नवजात टेटनस उन्मूलन प्राप्त किया गया था।” उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सतर्क और सक्रिय रहने और ‘एक्ट नाउ’ नीति के साथ काम करने का आग्रह किया।
जगत प्रकाश नड्डा ने राज्य के मंत्रियों और मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों से सार्वजनिक और प्रेस बैठकें आयोजित करने का भी आग्रह किया, जहाँ बड़े स्तर पर लोगों को सक्रिय जनभागीदारी के माध्यम से टीकाकरण अभियान के बारे में जानकारी दी जा सके। उन्होंने राज्यों से खसरा और रूबेला के खिलाफ टीकाकरण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सभी विधायकों, सांसदों, स्थानीय और पंचायत प्रमुखों की समावेशी भागीदारी का भी आह्वान किया। उन्होंने अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं से दूरदराज के और दुर्गम क्षेत्रों, मलिन बस्तियों, प्रवासी आबादी, बार-बार प्रभावित होने वाले क्षेत्रों तक पहुँचने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, “100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने के लिए हमें अंतिम छोर पर रहने वाले लोगों तक पहुँचना होगा।” उन्होंने संबंधित मंत्रालयों के साथ समन्वय की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने यह कहते हुए अपना संबोधन समाप्त किया कि “अगर हम आज से कार्य और करेंगे, तो हम कल सफलता प्राप्त होगी ।”
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