केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए दिल्ली मेट्रो अभियान शुरू किया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से सुल्तानपुर मेट्रो स्टेशन पर महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य एवं कल्याण पर एक माह की दिल्ली मेट्रो अभियान की शुरुआत की। 10 दिसंबर 2025 से 10 जनवरी 2026 तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य मेट्रो ट्रेनों और चुनिंदा स्टेशनों पर प्रदर्शित संदेशों के माध्यम से लाखों यात्रियों तक पहुंचना है। इन संदेशों में महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के महत्व पर प्रकाश डाला गया है; डिजिटल विभाजन को कम करना; महिलाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता की पहुंच में सुधार करना; प्रसवोत्तर रोग निवारण एवं बाल रोग निवारण और तपेदिक के बारे में जागरूकता फैलाना शामिल है।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाओं के स्वस्थ होने के बिना कोई भी परिवार या राष्ट्र सही मायने में प्रगति नहीं कर सकता। महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। दिल्ली मेट्रो के इस अभियान के माध्यम से हम इस संदेश को व्यापक जनसमुदाय तक पहुंचाना चाहते हैं। यह संदेश को सीधे लोगों तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम है।
उन्होंने यह भी बताया कि टीबी जागरूकता, डिजिटल विभाजन को कम करने, गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी एंड पीएनडीटी) अधिनियम, 1994 और अन्य प्रमुख मुद्दों पर संदेश मेट्रो के डिब्बों के अंदर और बाहर दोनों जगह प्रदर्शित किए गए हैं।
लिंग निर्धारण और चयन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों की बढ़ती सुलभता पर बोलते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि पहले लोग भ्रूण का लिंग निर्धारित करने के लिए अल्ट्रासाउंड पर निर्भर थे। अब इसी उद्देश्य के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इन प्रथाओं को बंद करना होगा और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना आवश्यक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन, दक्षिण पूर्व एशिया की प्रभारी अधिकारी डॉ. कैथरीना बोहेम ने कहा कि इस मेट्रो स्टेशन पर कुछ यात्राएं समाप्त होती हैं और कुछ शुरू होती हैं। आज लैंगिक हिंसा के खिलाफ 16 दिनों के अभियान का अंतिम दिन है। और जैसे ही यह अभियान समाप्त होता है, एक नया अभियान शुरू होता है। हमें महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए दिल्ली मेट्रो अभियान शुरू करते हुए गर्व हो रहा है, जो दो सरल और चिरस्थायी सत्यों पर आधारित है: स्वस्थ महिलाएं = स्वस्थ राष्ट्र, और #क्योंकि वह महत्वपूर्णहै।
डॉ. बोहेम ने आगे कहा कि स्वस्थ महिलाएं एक स्वस्थ परिवार, समुदाय और एक स्वस्थ राष्ट्र के स्तंभ हैं। इसलिए महिलाओं और लड़कियों का स्वास्थ्य, जिसमें उनका मानसिक स्वास्थ्य भी शामिल है, न केवल उनके कल्याण के लिए, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण रूप से हमारे कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण है।
भारत, स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृव अभियान, मिशन शक्ति, निर्भया कोष और आयुष्मान भारत जैसी विभिन्न राष्ट्रीय पहलों के माध्यम से महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तीकरण को लगातार मजबूत कर रहा है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र की सहयोगी एजेंसियों के साथ मिलकर इस पहल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस शुभारंभ कार्यक्रम में महिलाओं के बैंड वेबहोर की प्रस्तुति भी शामिल थी, जो अभियान की सामूहिक भावना को दर्शाती है और महिलाओं के लचीलेपन, गरिमा और सशक्तीकरण का जश्न मनाती है। इसके बाद गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों ने उद्घाटन अभियान की सवारी में भाग लिया, जो महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा, सम्मान और कल्याण को बढ़ावा देने की साझा जिम्मेदारी को दर्शाती है।
दिल्ली मेट्रो को पूरे शहर में इन सशक्त संदेशों को प्रसारित करने के लिए धन्यवाद देते हुए डॉ. बोहेम ने इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया, “इस महत्वपूर्ण यात्रा में सहयात्री बनने के लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करती हूं। इस संदेश को फैलाने में मदद करें और एकजुट हों क्योंकि स्वस्थ महिलाएं स्वस्थ राष्ट्रों का निर्माण करती हैं।”
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव मीरा श्रीवास्तव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव गीतू जोशी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।




