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Union Minister Bhupender Yadav chairs workshop on Management of Human Wildlife Conflict at Dudhwa Tiger Reserve
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केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने दुधवा टाइगर रिजर्व में मानव वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन पर कार्यशाला की अध्यक्षता की

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने 19 जून 2025 को उत्तर प्रदेश के दुधवा टाइगर रिजर्व में मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन पर एक संवादात्मक कार्यशाला की अध्यक्षता की। कार्यशाला में संसद सदस्य, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री, विधानसभा के सदस्य, भारत सरकार और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल हुए।

कार्यशाला के दौरान देश में, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण होने वाले मुद्दों पर चर्चा की गई, साथ ही संघर्ष की स्थितियों को कम करने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की गई। उपस्थित लोगों को मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन के लिए एआई सहित उन्नत तकनीकों के माध्यम से सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने और डब्ल्यूआईआई-एसएसीओएन में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के दृष्टिकोण से भी अवगत कराया गया। इसके अनुसरण में, मंत्रालय ने मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिकारियों ने मंत्रालय द्वारा जारी किए गए परामर्शों और दिशा-निर्देशों, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्यों को वित्तीय सहायता और प्रौद्योगिकी का उपयोग आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने राज्य सरकार द्वारा किए गए विभिन्न प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मानव वन्यजीव संघर्ष को ‘आपदा’ घोषित करना शामिल है। कार्यशाला के दौरान दिए गए सुझावों से सरकार को मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए उचित कार्रवाई पर विचार करने और उचित रणनीति विकसित करने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने बलेरा गांव में थारू समुदाय के साथ बातचीत की, जहां पर्यावरण विकास समितियों ने रोजगार सृजन और थारू महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उनके द्वारा किए जा रहे हस्तशिल्प कार्यों को प्रदर्शित किया।

भूपेंद्र यादव ने कतर्नियाघाट वन्यजीव अभ्यारण्य का भी दौरा किया और घड़ियालों के संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने वन अधिकारियों के साथ घड़ियालों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए गेरूआ नदी में 7 घड़ियाल छोड़े।

मंत्री ने वन्यजीवों की सुरक्षा और मानसून गश्त के दौरान आने वाली चुनौतियों के लिए विशेष बाघ संरक्षण बल (एसटीपीएफ) के एक दल के साथ भी बातचीत की।

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