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Union Minister Dr. Jitendra Singh assumed charge as President of Indian Institute of Public Administration (IIPA) for the third consecutive time
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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लगातार तीसरी बार भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (IIPA) के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली के भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) परिसर में लगातार तीसरी बार भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने डिजिटल और गहन शिक्षा प्रदान करने के लिए कैंपस में आज दो ‘स्मार्ट सम्मेलन कक्ष’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “स्मार्ट सम्मेलन कक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमृत काल की परिकल्पना की दिशा में एक कदम है।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दो और सम्मेलन कक्ष के जुड़ने से सम्मेलन कक्षों की संख्या 9 हो जाएगी, जिससे इन हॉल में एक साथ सेमिनार आयोजित किए जा सकेंगे और सीखने की समग्र गुणवत्ता में वृद्धि होगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर बोलते हुए सांख्यिकी, लोक नीति और प्रशासन के क्षेत्र में संस्थान के समर्पण, प्रतिबद्धता और योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “भारत धीरे-धीरे सांख्यिकी के महत्व को समझ रहा है, जिसे 18वीं शताब्दी के विश्व पाठ्यक्रम में अच्छी तरह से मान्यता दी गई थी।”

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी नया मूलमंत्र बन रहा है। उन्होंने कहा, “सटीक छवि संग्रह और उच्च सटीकता उन देशों को विघटनकारी लाभ देती है, जिन्होंने इसमें उत्कृष्टता प्राप्त की है।”

भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारतीय सांख्यिकी सेवाओं के परिवीक्षाधीन अधिकारियों को भारतीय सांख्यिकी के आधार पर सांख्यिकी की रीढ़ बनाने के लिए प्रेरित किया। आज डेटा एकत्र करने में सटीकता एक विशेषाधिकार नहीं बल्कि वैश्विक मामलों में प्रतिस्पर्धा करने की आवश्यकता है और लोक सेवकों के रूप में भारत को सांख्यिकी में अग्रणी बनाना हमारा दायित्व है। उन्होंने दक्षता बढ़ाने और वास्तविक क्षमता का उपयोग करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने के लिए भी उनका मार्गदर्शन किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने ‘गहरे समुद्री अभियान’ के माध्यम से समुद्र के नीचे अज्ञात महासागर और समुद्री संसाधनों का लाभ उठाने में भारत के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, कहा कि कम उपयोग किए गए संसाधनों का अधिकतम उपयोग वर्ष 2047 में जीवंत अमृत काल की कुंजी होगी।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री महोदय ने भारतीय सांख्यिकी सेवा के युवा अधिकारियों को भारत के विकास और प्रगति में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भारत सरकार में उनकी सेवा के लिए उन्हें शुभकामनाएं भी दीं।

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