केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ‘राष्ट्रीय भू-स्थानिक डेटा भंडार’ और सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल का प्रस्ताव रखा है
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली में पृथ्वी भवन में भारत सरकार के सभी विज्ञान मंत्रालयों और विभागों की एक संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करते हुए एक राष्ट्रीय भू-स्थानिक डेटा भंडार और सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का प्रस्ताव रखा।
बैठक को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को किसानों, ग्रामीण कारीगर और अन्य लोगों के कल्याण के लिए नवीन और स्वदेशी उत्पाद बनाने के लिए उद्योग और स्टार्टअप इकोसिस्टम के उपयोग के लिए एक एकीकृत भू-स्थानिक इंटरफ़ेस बनाने का निर्देश दिया।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जियो-आईसीटी बुनियादी ढांचे के सुचारू कनेक्शन पर बल दिया। उन्होंने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल में गैर-सरकारी क्षेत्रों के सहयोग से ज्ञान और संसाधनों के संयोजन पर आधारित टिकाऊ इकोसिस्टम का मंत्र भी साझा किया।
केंद्रीय मंत्री महोदय ने प्रारंभिक उद्योग जुड़ाव और आम लोगों के लिए बडी संख्या में लाभों के महत्व पर प्रकाश डाला जब इस तरह की पहल पैमाने और मात्रा हासिल करती है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मंत्रालय के अंतर्गत सभी विभाग सामान्य उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए समन्वय में कार्य करेंगे।
बैठक का एक मुख्य आकर्षण एक महीने तक चलने वाले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह और 23 अगस्त को भारत मंडपम में मुख्य कार्यक्रम की समीक्षा थी। उन्होंने आने वाले दिनों में अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का भी निरीक्षण किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रस्तावित “विज्ञान शक्ति” पोर्टल की प्रगति की भी जानकारी प्राप्त की और वैज्ञानिक पोर्टलों के संबंध में अपने अनुभव के आधार पर कुछ व्यावहारिक टिप्पणियाँ प्रस्तुत कीं।
भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के एकीकृत वेब भंडार को लाइव किया जा रहा है और फीडबैक का संग्रह केंद्रीय मंत्री महोदय के साथ साझा किया गया। विभाग ने सभी वैज्ञानिक विभागों के लिए संयुक्त एकल नोडल बनने के लिए पोर्टल के भविष्य में एकीकरण और सुधार के लिए केंद्रीय मंत्री महोदय का मार्गदर्शन भी मांगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने सभी प्रकार के अनुसंधान के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत ‘एक सामान्य पोर्टल’ की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की।
बैठक के समापन पर, डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत @2047 की परिकल्पना का स्मरण किया और इस परिकल्पना को प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. ए. के. सूद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले, पृथ्वी विज्ञान सचिव रवि चंद्रन, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक डॉ. एन कलैसेलवी भी बैठक में उपस्थित थे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ इस बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए।