केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के पुणे में दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के पुणे में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और भारत सरकार के नागरिक उड्डयन और सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल की उपस्थिति में दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
इनमें एनएच-965 (पालखी मार्ग पैकेज VI) के मोहोल-आलंदी खंड पर दिवे घाट से हडपसर तक 13 किलोमीटर के हिस्से को चार लेन का बनाना और एनएच-48 के पुणे-सतारा खंड पर सिंहगढ़ रोड से वारजे तक सर्विस रोड के साथ मुला-मुथा नदी पर प्रमुख पुलों का निर्माण शामिल है।
इस अवसर पर नितिन गडकरी ने कहा कि एनएच-965 के हडपसर से दुवे घाट खंड का चौड़ीकरण और उन्नयन इस खंड पर भीड़भाड़ को कम करने में प्रमुख भूमिका निभाने जा रहा है। इससे पालकी यात्रा में श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुखद यात्रा मिलेगी। उन्होंने कहा कि एमएसआईडीसी के माध्यम से पालकी मार्गों के किनारे विश्राम स्थलों का विकास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुला और मुथा नदी के किनारे प्रमुख पुलों का निर्माण, नरहे से नवले पुल तक सर्विस रोड का चौड़ीकरण और सिंहगढ़ रोड से वारजे तक कनेक्टिविटी से इन क्षेत्रों में ट्रैफ़िक जाम कम होगा।
उन्होंने कहा कि एनएचएआई ने एनएच 60 के नासिक फाटा खेड़ खंड में एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए निविदा भी आमंत्रित की है, इस परियोजना की लागत 7500 करोड़ रुपये है।
इसके अलावा रावेट से नरहे एलिवेटेड कॉरिडोर के विकास के लिए डीपीआर पूरी हो गई है, इस परियोजना की लागत 5000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि परियोजना दिसंबर-2024 में शुरू होगी। उन्होंने बताया कि एनएच-548डी के तालेगांव चाकन शिकरपुर खंड और एनएच-753एफ के पुणे-शिरुर खंड के एलिवेटेड कॉरिडोर का विकास एमएसआईडीसी द्वारा किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि मुंबई, पुणे और बैंगलोर से यात्रा के समय को कम करने और दो शहरों को जोड़ने के लिए न्यू मुंबई-बैंगलोर एक्सप्रेसवे के लिए डीपीआर की योजना बनाई गई है।
इन परियोजनाओं का उद्देश्य पुणे, सतारा और सोलापुर के बीच संपर्क बढ़ाना है, जिससे भगवान विट्ठल के पवित्र मंदिर की यात्रा करने वाले भक्तों के लिए सुगम यात्रा उपलब्ध हो सके। इसके अतिरिक्त ये खंड तेज़ यात्रा की सुविधा प्रदान करेंगे, भीड़ को कम करेंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे।
इस परियोजना से निम्नलिखित लाभ होने जा रहे हैं: –
- देश भर में और बाहर के भक्तों को “भगवान विट्ठल” से जोड़ना।
- राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर “पालखी” के लिए समर्पित पैदल मार्ग।
- “भक्तों” के लिए परेशानी मुक्त और सुरक्षित मार्ग।
- पूरे खंड पर ट्रैफ़िक जाम से राहत जिससे समय और ईंधन की बचत होगी।
- कृषि उपज और स्थानीय उत्पादों को बड़े बाजार तक आसानी से पहुँचाया जा सकेगा।
- पालखी यात्रा में लगभग 9-10 लाख वारकरी हिस्सा लेते हैं
- पुणे सतारा और सोलापुर जिले में दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
- पुणे के शहरी क्षेत्रों में ट्रैफ़िक जाम कम होगा।