insamachar

आज की ताजा खबर

Union Minister HD Kumaraswamy meets UAE Economy Minister to boost industrial and mineral partnership
बिज़नेस

केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने औद्योगिक और खनिज साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए UAE के अर्थव्यवस्था मंत्री से मुलाकात की

केंद्रीय इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापक आर्थिक सहयोग तथा भागीदारी समझौते (सीईपीए) के अंतर्गत भारत- संयुक्त अरब अमीरात के बीच औद्योगिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए उच्च स्तरीय बैठक के अंतर्गत संयुक्त अरब अमीरात के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मैरी से मुलाकात की। इस बैठक में व्यापार विस्तार, संसाधन सुरक्षा और इस्पात तथा एल्युमीनियम में सहयोगात्मक नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत मजबूत वैश्विक औद्योगिक साझेदारी कर रहा है, जो लचीली, संसाधन-सुरक्षित और नवाचार-संचालित है।

एच.डी. कुमारस्वामी ने द्विपक्षीय औद्योगिक संबंधों को मजबूत करने के अवसर का स्वागत करते हुए, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक के रूप में भारत की तेजी से बढ़ती भूमिका पर जोर दिया और हरित इस्पात, उच्च मूल्य विनिर्माण और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा, “भारत और संयुक्त अरब अमीरात हरित इस्पात उत्पादन और सतत औद्योगिक विकास में मजबूत साझेदार बन सकते हैं। संयुक्त अरब अमीरात विशेष रूप से कच्चे माल की सुरक्षा का समर्थन करके और ऊर्जा-कुशल उत्पादन प्रणालियों को सक्षम बनाकर भारत को वर्ष 2030 तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।”

उच्च श्रेणी का इस्पात और एल्युमीनियम: ऑटोमोटिव और रणनीतिक अनुप्रयोग

इस चर्चा का एक मुख्य बिंदु उच्च श्रेणी के इस्पात और एल्युमीनियम का संयुक्त विकास रहा, जो भारत के बढ़ते ऑटोमोबाइल और रणनीतिक क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है।

एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा, “हम ऑटोमोबाइल, मोबिलिटी और उच्च-स्तरीय विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में उपयोग के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले इस्पात और एल्यूमीनियम के संयुक्त उत्पादन और व्यापार में स्पष्ट तालमेल देखते हैं।”

इसमें विशेष रूप से कच्चे माल की सुरक्षा का समर्थन करके और ऊर्जा-कुशल उत्पादन प्रणालियों को सक्षम बनाकर स्वच्छ ऊर्जा इको-सिस्टम, उन्नत बुनियादी ढांचे और रणनीतिक व्यापार स्थान को मूल्यवान परिसंपत्तियों के रूप में स्वीकार किया गया।

सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की अग्रणी भागीदारी

बैठक में भारत-संयुक्त अरब अमीरात औद्योगिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) की सक्रिय भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया:

  • भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल), एक महारत्न सीपीएसई, वर्तमान में रस अल खैमाह की स्टेविन रॉक एलएलसी से सालाना लगभग 2.5 मिलियन टन लो सिलिका चूना पत्थर का आयात करता है। कंपनी दीर्घकालिक आपूर्ति गठजोड़ और प्रीमियम भारतीय इस्पात के साथ संयुक्त अरब अमीरात के बुनियादी ढांचे और औद्योगिक क्षेत्रों की सेवा करने की क्षमता तलाश रही है।
  • भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क उत्पादक कंपनी राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी), खनन मूल्य श्रृंखला विकसित करने में संयुक्त अरब अमीरात स्थित संस्थाओं के साथ सहयोग करने की इच्छुक है।
  • भारत की प्रमुख इंजीनियरिंग परामर्शदाता कम्पनी मेकॉन का लक्ष्य खाड़ी क्षेत्र में तेल एवं गैस, इस्पात संयंत्र विकास तथा स्मार्ट अवसंरचना परियोजनाओं में योगदान करना है।
  • तीनों सीपीएसई: सेल, एनएमडीसी और मेकॉन ने हाल ही में दुबई में अपने अंतर्राष्ट्रीय कार्यालयों का उद्घाटन किया है, जो व्यापार समन्वय, संयुक्त उद्यम और प्रौद्योगिकी विनिमय के लिए स्थायी मंच है।

संरचित तंत्र के माध्यम से व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) को मजबूत करना

कुमारस्वामी ने सीईपीए के अंतर्गत विशिष्ट अवसरों की पहचान करने, लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करने तथा प्रमुख क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत और संयुक्त अरब अमीरात के हितधारकों के बीच एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना का प्रस्ताव रखा।

मंत्री ने कहा, “भारत संयुक्त अरब अमीरात को केवल एक बाजार नही, बल्कि वैश्विक औद्योगिक परिदृश्य को नया आकार देने में एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है।” “हम संयुक्त अरब अमीरात के निवेशकों और उद्योग जगत के दिग्गजों को भारत आने और हमारे इस्पात क्षेत्र की गतिशीलता का प्रत्यक्ष अनुभव करने के लिए आमंत्रित करते हैं।”

इस बैठक का समापन भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य के अनुरूप संयुक्त परियोजनाओं और व्यापार ढांचे को आगे बढ़ाने के साझा संकल्प के साथ हुआ।

LEAVE A RESPONSE

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *