केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हितधारक सलाहकार समितियों (SAC) के दूसरे दौर की बैठक का संचालन किया
पहले दिन की सार्थक चर्चा के बाद संचार और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी के नेतृत्व में दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने छह नवगठित हितधारक सलाहकार समितियां (एसएसी) की उद्घाटन बैठकें जारी रहीं। दूसरे दिन, दूरसंचार इकोसिस्टम के लिए महत्वपूर्ण अतिरिक्त प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस किया गया। आज की बैठकें तीन एसएसी के सदस्यों के साथ आयोजित हुईं जिनमें दूरसंचार सेवा प्रदाता एसएसी, इंटरनेट सेवा प्रदाता और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाता एसएसी तथा दूरसंचार क्षेत्र में शिक्षाविद और अनुसंधान एवं विकास एसएसी शामिल हैं।
बैठक में दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सचिव डॉ. नीरज मित्तल, सदस्य (प्रौद्योगिकी) मधु अरोड़ा, सदस्य (वित्त) मनीष सिन्हा के साथ-साथ ही उद्योग और शिक्षा जगत के अन्य लोग उपस्थित थे।
इन समितियों को प्रौद्योगिकी संवर्धन, अनुसंधान एवं विकास, दूरसंचार उत्पादों के लिए बाजार में जाने की रणनीति, स्थानीय मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने, मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम को सक्षम बनाने, उद्योग-शिक्षा जगत संपर्क स्थापित करने, नए विचार साझा करने और नीतिगत मुद्दों का समाधान जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर सरकार के साथ द्विपक्षीय संवाद की सुविधा के लिए डिज़ाइन किया गया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विचार-विमर्श के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “हमने तीनों समितियों के लिए एक गहरे एजेंडे की पहचान की है। अब इन समितियों के सदस्य और हम मिलकर काम करेंगे। अगले कुछ सप्ताह में इन समितियों की पहली प्रस्तुति के लिए अलग-अलग कार्यक्रम हैं। और फिर हम प्रत्येक संबंधित मुद्दे को एक समय में लेंगे, गंभीरता से विचार करेंगे और स्पष्ट समयसीमा तथा कार्रवाई योग्य समाधानों के साथ एक कार्य योजना तैयार करेंगे ताकि हम अपने क्षेत्र को आगे ले जा सकें।
दूरसंचार सेवा प्रदाता एसएसी: दूरसंचार सेवा प्रदाता एसएसी ने सेवा वितरण को बढ़ाने तथा दूरसंचार ऑपरेटरों के समक्ष आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की। विकास के भविष्य और नवीन क्षेत्रों सहित क्षेत्र से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर फोकस किए गए प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई।
इंटरनेट सेवा प्रदाता और बुनियादी ढांचा प्रदाता एसएसी: ब्रॉडबैंड पहुंच और अवसंरचना विकास में सुधार पर फोकस किया गया था। समिति ने अवसंरचना के कार्यान्वयन में तेजी लाने और इंटरनेट पहुंच बढ़ाने के लिए नीतिगत समर्थन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से फाइबर ऑप्टिक्स और 5जी जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों की तैनाती पर बल दिया।
दूरसंचार क्षेत्र में शिक्षाविद और अनुसंधान एवं विकास एसएसी: शिक्षा जगत और दूरसंचार उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर फोकस किया गया। समिति ने नवाचार को बढ़ावा देने तथा दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक कुशल कार्यबल विकसित करने में उद्योग और शिक्षा जगत की भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उद्योग जगत के नेताओं और शिक्षा जगत के साथ निरंतर जुड़ाव के महत्व पर बल देते हुए कहा कि एसएसी की अंतर्दृष्टि से न केवल तकनीकी प्रगति और नीति सुधारों में मदद मिलेगी, बल्कि भारत के दूरसंचार क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में भी सहायता मिलेगी।
इससे पहले, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 15 जुलाई, 2024 को सैटेलाइट कम्युनिकेशन इकोसिस्टम एसएसी, टेलीकॉम सेक्टर के मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) और टेलीकॉम इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम एसएसी के सदस्यों के साथ चर्चा की थी।
दूरसंचार विभाग इन चर्चाओं की गति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इन बैठकों के दौरान प्राप्त अंतर्दृष्टि पर सक्रिय रूप से काम करेगा। दूरसंचार विभाग का लक्ष्य सिफारिशों को लागू करना तथा दूरसंचार क्षेत्र के विकास के लिए एक उत्पादक और नवीन वातावरण को बढ़ावा देना है। जैसे-जैसे हम इस परामर्शी प्रक्रिया में आगे बढ़ रहे हैं, सभी हितधारकों के सहयोगात्मक प्रयास महत्वपूर्ण हैं।
संचार और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हितधारक सलाहकार समितियों (एसएसी) की अंतिम बैठक का समापन करते हुए कहा, “इन समितियों का गठन करके, हम न केवल ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को साकार करते हुए बल्कि भारत के भीतर एक दूरसंचार महाशक्ति, जो आने वाले दिनों में हमारी सीमाओं को पार कर जाएगी, इस क्षेत्र को आगे ले जाने की उम्मीद करते हैं।”
एसएसी की अगली बैठकें अगस्त में निर्धारित हैं जहां इस उद्घाटन सत्र में रखी गई नींव पर आगे की चर्चा जारी रहेगी।