भारत

केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बाकू अज़रबैजान में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन COP29 के उच्च स्तरीय सेशन में भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य दिया

अज़रबैजान के बाकू में आज संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के कॉप29 के उच्च-स्तरीय सेशन में भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य देते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कॉप को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने सभी देशों से यूएनएफसीसीसी और उसके पेरिस समझौते के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ़ सामूहिक लड़ाई लड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हम यहाँ जो भी निर्णय लेंगे, उससे हम सभी, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के लोग, न केवल महत्वाकांक्षी शमन कार्रवाई करने में सक्षम होंगे, बल्कि जलवायु परिवर्तन के अनुकूल भी बनेंगे। इस संदर्भ में यह कॉप ऐतिहासिक है”

मंत्री महोदय ने दोहराया कि इस मंच पर लिए जाने वाले निर्णय यूएनएफसीसीसी और उसके पेरिस समझौते में दिए गए समानता, जलवायु न्याय और साझा लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं के मूल सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न राष्ट्रीय परिस्थितियों, सतत विकास लक्ष्यों और गरीबी उन्मूलन, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के संदर्भ को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

भारत के वक्तव्य में कहा गया है कि अतीत में ग्लोबल नॉर्थ के उच्च कार्बन उत्सर्जन विकास पथों ने ग्लोबल साउथ के लिए बहुत कम कार्बन स्पेस छोड़ा है। हालांकि, इसमें लिखा है कि सतत विकास और गरीबी उन्मूलन की प्राथमिक जरूरतों को पूरा करने के लिए विकास के प्रक्षेपवक्र से समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बल देकर कहा की “समस्या में योगदान न देने के बावजूद, हम ग्लोबल साउथ में एक तरफ शमन के लिए जलवायु क्रियाओं के कारण भारी वित्तीय बोझ उठा रहे हैं, और दूसरी तरफ जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसान और क्षति उठा रहे है। इस प्रकार ये हमारी विकासात्मक जरूरतों को पूरा करने की क्षमता को गंभीर रूप से सीमित कर रहे हैं। लेकिन इनसे भारत के महत्वाकांक्षी जलवायु क्रियाकलापों को करने के संकल्प और प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आई है।”

जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में भारत की पहलों के बारे में जानकारी देते हुए, कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि देश ने उत्सर्जन तीव्रता में कमी और गैर जीवाश्म आधारित स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता पर 2015 के एनडीसी लक्ष्यों को 2030 से बहुत पहले ही हासिल कर लिया है और अपनी महत्वाकांक्षा को और आगे बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि कैसे भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता 2014 के स्तर से लगभग तीन गुनी हो गई है और देश 2030 तक 500 गीगावाट लक्ष्य हासिल करने की राह पर है। इसके अलावा उन्होंने कहा, “भारत ने वैश्विक स्तर पर टिकाऊ जीवनशैली प्रथाओं को प्रोत्साहित करने के लिए मिशन लाइफ- पर्यावरण के लिए जीवनशैली शुरू की है। मिशन लाइफ व्यक्तियों, समुदायों और समाजों को ऐसे विकल्प और व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करता है जो संसाधनों के सोच-समझकर उपयोग पर ध्यान केंद्रित करते हैं।”

भारत किस तरह से ग्रह-हितैषी कार्यों में सबसे आगे है, इस बारे में कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा की “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस 2024 पर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की शुरुआत की थी। इसके अंतर्गत अब तक एक अरब पौधे लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि ‘प्लांट4मदर’, जो सभी को अपनी माँ और धरती माता के प्रति प्रेम, सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में एक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करता है, अपने शक्तिशाली, प्रेरणादायक और भावनात्मक जुड़ाव के कारण पूरे विश्व में गूंज रहा है।

इसके अलावा भारतीय वक्तव्य में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई), वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन, उद्योग परिवर्तन और संसाधन दक्षता पर नेतृत्व समूह और सर्कुलर इकोनॉमी उद्योग गठबंधन जैसी पहलों के बारे में बताया गया है। इन्हे वैश्विक जलवायु कार्यों के अनुसरण में विभिन्न भागीदार देशों के साथ शुरू किया गया है।

भारत ने कुछ विकसित देशों की आलोचना की जिन्होंने एकतरफा उपायों का सहारा लिया है जिससे ग्लोबल साउथ के लिए जलवायु संबंधी कार्रवाइयां और अधिक कठिन हो गई हैं। पेरिस तापमान लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाने के लिए जलवायु महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाने से पहले हरित प्रौद्योगिकियों की मुफ्त उपलब्धता, उन्हें बड़े पैमाने पर उत्पादन और उनके उपयोग के लिए वित्त की उपलब्धता होनी चाहिए, खासकर ग्लोबल साउथ में। बयान में कहा गया है, “जिस उभरती स्थिति में हम हैं, ग्लोबल साउथ में प्रौद्योगिकी, वित्त और क्षमता के प्रवाह के लिए सभी बाधाओं को तोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इस संदर्भ में इस कॉप का विषय – ‘सक्षम करने वाली कार्रवाइयां और बढ़ी हुई महत्वाकांक्षा’ बहुत प्रासंगिक है। कॉप29 जलवायु वित्त के लिए कॉप है – विकासशील देशों की जरूरतों और प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए जलवायु वित्त जुटाने के लिए जलवायु वित्त पर नए सामूहिक परिमाणित लक्ष्य (एनसीक्यूजी) जरूरी है।

कीर्ति वर्धन सिंह ने इस बात को समझने की आवश्यकता बताई कि जलवायु संबंधी कार्यवाहियों के लिए भारत जैसे विकासशील देश पर भारी लागत लगाई जा रही है। उन्होंने कहा, “हम यहां एनसीक्यूजी पर जो भी निर्णय लेंगे, वह जलवायु न्याय के सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए। निर्णय महत्वाकांक्षी और स्पष्ट होने चाहिए, जिसमें विकासशील देशों की उभरती जरूरतों और प्राथमिकताओं तथा सतत विकास और गरीबी उन्मूलन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखा जाना चाहिए।”

राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) अगले वर्ष प्रस्तुत किए जाने हैं भारत ने सभा को याद दिलाते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण दशक के अंत में कार्बन स्पेस का उल्लंघन आसन्न प्रतीत होता है। बयान में कहा गया है, “इसलिए, यह आवश्यक है कि विकसित देश पेरिस समझौते के अंतर्गत आवश्यक शमन कार्यों में नेतृत्व दिखाएं, न केवल अपने नेट जीरो लक्ष्यों को आगे बढ़ाकर बल्कि हमारे जैसे विकासशील देशों के विकास के लिए पर्याप्त कार्बन स्पेस प्रदान करके। हम यहां जो निर्णय लेंगे, वह इतिहास की दिशा तय करेगा। मैं आग्रह करता हूं कि हम सभी को कॉप29 को इसके परिणामों में सार्थक और प्रभावशाली बनाने की दिशा में दृढ़ संकल्प के साथ काम करना चाहिए। कृपया एक सफल कॉप29 के लिए भारत के पूर्ण सहयोग के बारे में आश्वस्त रहें।”

Editor

Recent Posts

खान मंत्रालय और JNARDDC ने हैदराबाद में अलौह पुनर्चक्रण हितधारकों के साथ विशेष संवादात्मक बैठक की

भारत के पुनर्चक्रण प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए…

5 घंटे ago

सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना के लिए दिशानिर्देश अधिसूचित किए

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर विशेष ध्यान…

5 घंटे ago

‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के पांचवें दिन बिहार के किसानों से मिले शिवराज सिंह चौहान

‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को लेकर देशभर के किसानों में उत्साह जारी है। इसी कड़ी…

6 घंटे ago

प्रधानमंत्री मोदी ने एशियाई एथलेटिक्स प्रतियोगिता 2025 में भारतीय दल को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में दक्षिण कोरिया में आयोजित एशियाई एथलेटिक्स प्रतियोगिता 2025…

6 घंटे ago

प्रधानमंत्री मोदी ने आज तेलंगाना राज्य के स्थापना दिवस पर लोगों को बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज तेलंगाना राज्य के स्थापना दिवस पर लोगों को बधाई दी…

6 घंटे ago

प्रधानमंत्री मोदी आज नई दिल्ली में पराग्वे के राष्ट्रपति सैंतियागो पेना पलासिओस से बातचीत करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नई दिल्ली में पराग्वे के राष्ट्रपति सैंट्रियागो पेना पलासिओस से बातचीत…

13 घंटे ago