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Union Railway Minister Ashwini Vaishnaw inaugurated the Sonic Integrated Logistics Hub and flagged off two new door-to-door freight and parcel services
भारत

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोनिक एकीकृत लॉजिस्टिक्स हब का उद्घाटन किया और दो नई डोर-टू-डोर माल ढुलाई और पार्सल सेवाओं को झंडी दिखा कर रवाना किया

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज सोनिक एकीकृत लॉजिस्टिक्स हब का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया और दो नई डोर-टू-डोर माल ढुलाई और पार्सल सेवाओं को झंडी दिखा कर रवाना किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डोर-टू-डोर सेवाएँ देश के लिए आवश्यक हैं, क्योंकि ये दक्षता बढ़ाएँगी और लॉजिस्टिक्स लागत को काफ़ी कम करेंगी। उन्होंने इस बात पर बलर दिया कि उद्योग अब बिना पूरी रेक भरे, एक निश्चित संख्या में कंटेनर अपने गंतव्य तक भेज सकते हैं। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कारखानों और रेलगाडियों के लोडिंग/अनलोडिंग स्थानों के बीच लॉजिस्टिक गैप को अब भारतीय रेलवे व्यापक डोर-टू-डोर सेवाओं के माध्यम से समाप्त करेगा। उन्होंने कहा कि गुड्स शेड या लॉजिस्टिक्स टर्मिनल कंटेनरों को भरने और उतारने की सुविधाओं से सुसज्जित होंगे, जिससे ग्राहकों को नए सेवा मॉडल का पूरा लाभ मिल सकेगा।

केंद्रीय मंत्री महोदय ने बताया कि सोनिक यह सुविधा प्रदान करने वाला पहला एकीकृत लॉजिस्टिक्स केंद्र बन गया है। गति शक्ति कार्गो टर्मिनल पहल के अंतर्गत, मल्टीमॉडल सेवाएँ प्रदान करने के लिए 115 टर्मिनल विकसित किए गए हैं, जिससे ग्राहकों को पर्याप्त लाभ होगा।

मुंबई-कोलकाता कॉरिडोर से शुरू होकर, माल की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने और अधिक शहरों तक कनेक्टिविटी का विस्तार करने के लिए जल्द ही और सेवाएँ चालू होंगी। केंद्रीय मंत्री महोदय ने कहा कि एक और प्रयोग भी सफल रहा है – किसानों को लाभ पहुँचाने के लिए ट्रैक्टर जैसे उपकरणों का किफायती दरों पर परिवहन। जिस तरह कार कार्गो को कुशलतापूर्वक ले जाया जाता है, उसी तरह अब ट्रैक्टर और भारी निर्माण उपकरण (जेसीबी) के लिए भी परिवहन सुविधाएँ बढ़ाई जाएँगी।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार ने इस बात पर बल दिया कि डोर-टू-डोर डिलीवरी पहल रेल-आधारित लॉजिस्टिक्स में एक आदर्श बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है – जहाँ प्राप्तकर्ता का माल सीधे गोदाम या कारखाने से उठाया जाता है और भारतीय रेलवे द्वारा अंतिम गंतव्य स्थल तक पहुँचाया जाता है। विकसित भारत के लॉजिस्टिक्स विज़न के अनुरूप, यह पहल भारतीय रेलवे के माल के ट्रांसपोर्टर से माल ग्राहकों के लिए एक पूर्ण लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता बनने की शुरुआत का प्रतीक है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल (भारतीय रेलवे) दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मालवाहक है, जो सालाना 1.6 बिलियन टन माल का परिवहन करता है।

लॉजिस्टिक्स हब/सेवाओं का विवरण:

1. एकीकृत लॉजिस्टिक्स हब के रूप में रेलवे गुड्स शेड (सोनिक, लखनऊ मंडल)

रणनीतिक स्थान: यह टर्मिनल लखनऊ से लगभग 50 किलोमीटर और कानपुर से 20 किलोमीटर दूर स्थित है, जो राजधानी और एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के बीच प्रभावी रूप से संपर्क स्थापित करता है।

व्यापक सेवाएँ: यह कानपुर और लखनऊ क्षेत्रों की बढ़ती लॉजिस्टिक्स आवश्यकताओं को पूरा करेगा और ग्राहकों को डोर-टू-डोर लॉजिस्टिक्स, कार्गो के लिए वितरण केंद्र और इन्वेंट्री प्रबंधन सेवाओं सहित संपूर्ण समाधान प्रदान करेगा।

परिचालन प्रबंधन: कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (कॉनकॉर) सभी टर्मिनल परिचालनों का प्रबंधन करेगा और निर्बाध कार्गो आवाजाही सुनिश्चित करते हुए महत्वपूर्ण प्रथम और अंतिम स्थान तक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

कार्गो प्रोफ़ाइल: यह टर्मिनल उर्वरक, खाद्यान्न, सीमेंट और ट्रैक्टर सहित विविध प्रकार की वस्तुओं को लाने-ले जाने के लिए तैयार है।

बुनियादी ढाँचा: इस सुविधा में अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचा है, जिसमें भंडारण, डोर-टू-डोर सेवाएँ और ग्राहकों तथा श्रमिकों दोनों के लिए आवश्यक सुविधाएँ शामिल हैं।

2. सुनिश्चित पारगमन कंटेनर ट्रेन सेवा (दिल्ली से कोलकाता)

उद्देश्य और मार्ग: यह प्रीमियम सेवा आवागमन समय की गारंटी देती है और सड़क परिवहन का एक विश्वसनीय विकल्प प्रदान करती है। यह मार्ग दिल्ली – आगरा – कानपुर – कोलकाता को जोड़ता है।

मुख्य सेवा मानदंड:

· सुनिश्चित पारगमन समय: 120 घंटे।

· फ्रीक्वेंसी: द्वि-साप्ताहिक प्रस्थान (प्रत्येक बुधवार और शनिवार)।

संचालन: इस सेवा में तुगलकाबाद (दिल्ली), आगरा, कानपुर (आईसीडीजी साइडिंग) और कोलकाता (आईसीडीजी साइडिंग) सहित मध्यवर्ती टर्मिनलों पर लोडिंग और अनलोडिंग (लिफ्ट ऑन/लिफ्ट ऑफ) संचालन शामिल है, जिसमें प्रत्येक स्थान पर 6 घंटे का मानकीकृत ठहराव समय है।

आसान बुकिंग: ग्राहक अपनी आपूर्ति श्रृंखला आवश्यकताओं के अनुरूप कई बुकिंग विकल्पों में से चुन सकते हैं: डोर-टू-डोर, डोर-टू-टर्मिनल, टर्मिनल-टू-डोर और टर्मिनल-टू-टर्मिनल।

डिजिटल एकीकरण: सुनिश्चित आवागमन सेवा के लिए प्रथम स्थान और अंतिम स्थान तक सेवाओं को उपयोगकर्ता-अनुकूल कॉनकॉर ई-लॉजिस्टिक्स मोबाइल ऐप के माध्यम से आसानी से बुक और प्रबंधित किया जा सकता है।

3. रेलवे पार्सल वैन द्वारा डोर-टू-डोर पार्सल सेवा (मुंबई से कोलकाता)

सेवा मॉडल: यह एकीकृत सेवा तीन-भागों वाली प्रक्रिया है:

· पहला स्थान: कॉनकॉर के प्रमाणित व्यावसायिक सहयोगियों द्वारा संचालित।

· मध्य स्थल: मुख्य परिवहन भारतीय रेलवे की पार्सल रेल सेवा के माध्यम से किया जाता है, जिसका प्रभावशाली परिचालन समय 48 से 60 घंटे है।

· अंतिम स्थल: अंतिम डिलीवरी भी कॉनकॉर के व्यावसायिक सहयोगियों द्वारा की जाती है।

पायलट मार्ग और ग्राहक: यह सेवा वर्तमान में मुंबई (भिवंडी रोड) से कोलकाता (संकरेल) मार्ग पर 1930 किलोमीटर की दूरी पर संचालित है। यह कैस्ट्रॉल इंडिया (ल्यूब ऑयल), वीआईपी इंडस्ट्रीज (बैग), गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (रेफ्रिजरेटर और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं), और नेस्ले (एफएमसीजी उत्पाद) सहित प्रमुख ब्रांडों के लिए सफलतापूर्वक माल का प्रबंधन करती है।

बुनियादी ढाँचा समर्थन: इस सेवा को मुंबई और कोलकाता दोनों केंद्रों पर 5400 सीएफटी कार्गो भंडारण सुविधा का समर्थन प्राप्त है।

सड़क परिवहन की तुलना में, रेल पार्सल सेवा से रसद लागत में 7.5 प्रतिशत की कमी आती है। इसके अतिरिक्त, रेल परिवहन काफी तेज़ है, जिससे परिवहन समय में लगभग 30 प्रतिशत की बचत होती है।

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