उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज यहां बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (BIMTEC) के 36 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शीर्ष नेतृत्व स्तर पर महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर संतोष और प्रसन्नता व्यक्त की। इस संदर्भ उन्होंने सितंबर 2023 में संसद द्वारा पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उल्लेख किया और संस्थान के शिक्षकों और विद्यार्थियों को नए संसद भवन को देखने के लिए आमंत्रित भी किया।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने मेधावी विद्यार्थियों को पदक प्रदान करते हुए जोर देते हुए कहा कि भविष्य के उन्नत भारत में meritocracy का ही वर्चस्व रहेगा।
भारत के युवाओं की प्रतिभा की सराहना करते हुए, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि आज विश्व की प्रायः हर प्रतिष्ठित कम्पनी भारतीय युवाओं की प्रतिभा का लाभ उठा रही है।
उन्होंने कहा कि आगामी 25 वर्षों के अमृत काल में युवा विद्यार्थियों की आज की पीढ़ी भागीदार भी होगी और राष्ट्र की निर्माता भी होगी।
भारत की प्रगति यात्रा की चर्चा करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि विगत दस वर्षों में भारत ने fragile five से विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा तय की है और अगले 3-4 सालों में हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगें। 1990 की भारतीय अर्थव्यवस्था से तुलना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था लंदन या पेरिस जैसे शहरों से भी छोटी थी।
उन्होंने कहा कि सारे विश्व और वैश्विक संस्थाओं ने भारत की प्रगति का, देश में हुए बैंकिंग समावेशीकरण और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार का लोहा माना है।
उन्होंने कहा कि G 20 के अध्यक्ष के रूप में भारत ने, विश्व को वसुधैव कुटुंबकम् का नया मंत्र दिया।
इस संदर्भ में उनके आगाह किया कि देश के भीतर और बाहर कुछ वर्गों को देश की प्रगति पच नहीं रही है। उन्होंने युवा विद्यार्थियों से आग्रह किया कि जब देश की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हो, तो वे ऐसी प्रवृत्तियों का पुरजोर प्रतिवाद करें।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत के इस यज्ञ में सभी का योगदान अपेक्षित होगा।
उन्होंने युवा विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी में निपुणता हासिल करें, ” ये टेक्नोलॉजी आपके जीवन का अभिन्न हिस्सा होंगी”। इस संदर्भ में उपराष्ट्रपति ने भारत सरकार द्वारा क्वांटम कम्प्यूटिंग, 6G और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी तकनीक के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों और बढ़ते बजट आबंटन की भी चर्चा की।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने युवा विद्यार्थियों से आर्थिक राष्ट्रवाद अपनाने की पुरजोर वकालत करते हुए, उनसे Vocal for Local होने का आग्रह किया।
देश के व्यापार घाटे की चर्चा करते हुए, उपराष्ट्रपति ने आग्रह किया कि थोड़े से लाभ के लिए अनावश्यक वस्तुओं का आयात न किया जाय जो देश में देश के कारीगरों द्वारा बनाई जा सकती हैं। इससे उन कारीगरों का भी नुकसान होता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम देश से कच्चे माल का निर्यात करने के बजाय उसमें मूल्य संवर्धन ( वैल्यू एडिशन) करके निर्यात करें। इससे देश के कारीगरों को वैश्विक पहचान भी मिलेगी।
विगत दस वर्षों में हुए बदलाव की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज कानून जा राज स्थापित है। सभी को अपनी प्रतिभा दिखाने के बराबर अवसर और समान अधिकार सुनिश्चित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा meritocracy के लिए पारदर्शिता आवश्यक शर्त है। आज सत्ता संस्थान भ्रष्ट दलालों से मुक्त हैं।
उपराष्ट्रपति ने युवा विद्यार्थियों से कहा कि नए भारत में उनके लिए नई संभावनाओं ने नए क्षितिज खुल रहे हैं। वे जीवन की असफलताओं से न डरें न विचलित हों। असफलता में ही भावी सफलता का मंत्र छुपा होता है, अतः तनावमुक्त जीवन जिएं।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री बृजेश सिंह, अध्यक्ष बिमटेक, जयश्री मोहता, संस्थान के निदेशक मंडल के सदस्य, शिक्षक वृंद, विद्यार्थी तथा उनके अभिभावकों सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे
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