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Vice President C.P. Radhakrishnan attended the inaugural session of the 30th CII Partnership Summit in Visakhapatnam today
भारत

उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने आज विशाखापत्तनम में 30वें CII साझेदारी शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लिया

उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने आज विशाखापत्तनम में 30वें भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) साझेदारी शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

कारोबार क्षेत्र की अग्रणी हस्तियों, नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के दिग्गजों और वैश्विक साझेदारों सहित 2,500 से अधिक प्रतिनिधियों की एक प्रतिष्ठित सभा को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के त्वरित औद्योगिक और आर्थिक विकास पर प्रकाश डाला।

सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा कि करोड़ों लोगों को गरीबी से ऊपर उठाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जो धन और अवसर पैदा करने वाली निरंतर आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करके संभव हुई है।

उपराष्ट्रपति ने देश में सबसे अनुकूल कारोबारी वातावरण बनाने के लिए मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि नवाचार, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के विकास और व्यापार-अनुकूल इको-सिस्‍टम को बढ़ावा देने में मुख्यमंत्री के प्रयासों ने आंध्र प्रदेश को औद्योगिक विकास के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में स्थापित किया है।

उपराष्ट्रपति ने दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताई और सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में भारत की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत में कारोबारी सुगमता अपने सर्वोत्तम स्तर पर है, क्योंकि हर क्षेत्र में सुधार हो रहे हैं, चाहे वह श्रम कानून हों, कर सुधार हों, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का विकास हो या डिजिटल इंडिया जैसी डिजिटल पहल हो। उन्होंने कहा कि भारत में निवेश करने का यह सही समय है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और स्वच्छ प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है, जो पर्यावरणीय रूप से सतत विकास के प्रति देश की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करता है।

सी. पी. राधाकृष्णन ने न्यायसंगत और समावेशी वैश्विक सहयोग के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए इस बात पर बल दिया कि भारत सभी देशों के साथ उनके आकार की परवाह किए बिना समान व्यवहार करता है। उन्होंने आंध्र प्रदेश राज्य के एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए इस बात पर जोर दिया कि यह शिखर सम्मेलन समावेशी विकास को बढ़ावा देने और भारत को एक वैश्विक आर्थिक अग्रणी के रूप में स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी, विश्वास और व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करेगा।

उपराष्ट्रपति ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि विशाखापत्तनम निवेश के लिए एक महत्‍वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित होगा और आंध्र प्रदेश क्वांटम प्रौद्योगिकी और हरित हाइड्रोजन का एक हब भी बनेगा।

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस. अब्दुल नज़ीर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू, केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा, केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी और अन्य गणमान्य व्यक्ति शिखर सम्मेलन में उपस्थित थे।

दो दिवसीय 30वां सीआईआई साझेदारी शिखर सम्मेलन, 14 से 15 नवंबर, 2025 तक, सीआईआई द्वारा भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और आंध्र प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी में आयोजित किया जा रहा है। आंध्र प्रदेश राज्य चौथी बार इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।

सीआईआई शिखर सम्मेलन व्यापार और उद्योग के भविष्य को आकार देने के लिए विचारकों, नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के दिग्गजों और वैश्विक साझेदारों को एक साथ ला रहा है। शिखर सम्मेलन का विषय है: प्रौद्योगिकी, विश्वास और व्यापार: नई भू-आर्थिक व्यवस्था की खोज। इस प्रमुख कार्यक्रम में 45 सत्र और 72 अंतरराष्ट्रीय वक्ता शामिल होंगे। इसमें 2,500 प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें 45 देशों के 300 विदेशी प्रतिभागी भाग लेंगे।

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