पीएम-जनमन में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह परिवारों के लिए मध्य प्रदेश में 30 हजार से ज्यादा आवासों की और स्वीकृति
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जनमन योजना (पीएम-जनमन) के माध्यम से देश में, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह परिवारों के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सरकार लगातार काम कर रही है। इसी के तहत, केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के आदिवासी परिवारों को सौगात देते हुए मध्य प्रदेश में 30 हजार से ज्यादा आवासों की और स्वीकृति प्रदान की है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वंचितों और शोषितों के प्रति पीएम मोदी जी की सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध एवं संवेदनशील है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस तबके के उत्थान के लिए हरसंभव काम निरंतर किए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के अतंर्गत, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2024-25 के लिए अतिरिक्त लक्ष्यों के आवंटन को मंजूरी देते हुए कहा कि पीएम जनमन मिशन का लक्ष्य उन विशेष रूप से कमजोर 75 जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के विकास का है, जो विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की योजनाओं से छूट गए हैं। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोदी सरकार का पूर्ण ध्यान, देश में आखिरी छोर पर खड़े लोगों तक पहुंच का है। उन्होंने बताया कि पीएम-जनमन के तहत लक्षित आवासों (4.90 लाख घर) को मार्च 2026 तक पूर्ण किया जाना है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि इससे पूर्व राज्यों को 3,70,963 (2,18,890 वर्ष 2023-24 में एवं 1,52,073 वर्ष 2024-25 में) का लक्ष्य आवंटित किया गया है, जिनमें से 3.38 लाख आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है एवं 2.71 लाभार्थियों को प्रथम किश्त जारी की जा चुकी है तथा 62,005 आवास पूर्ण किए जा चुके हैं। राज्यों ने सर्वे के पश्चात 46,573 अतिरिक्त पात्र परिवारों को चिन्हित किया है, जिनमें से 30 हजार से अधिक आवासों का अतिरिक्त आवंटन मध्य प्रदेश के लिए किया गया है। इससे पहले, मध्य प्रदेश के लिए 1,44,200 आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है।
पीएम-जनमन में आंध्रप्रदेश में सड़कों की स्वीकृति- केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम-जनमन के अंतर्गत आंध्र प्रदेश राज्य में 297.18 कि.मी लंबाई की 76 सड़कों की स्वीकृति भी प्रदान की है। इन 76 सड़कों की अनुमानित लागत 275.07 करोड़ रुपये है, जिसमें से केंद्रीय अंश 163.39 करोड़ रुपये एवं राज्य अंश 111.68 करोड़ रुपये है।