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ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास ने APEDA नई दिल्ली और MPEDA कोच्चि के सहयोग से दूसरे भारतीय समुद्री भोजन और वाइन टैस्टिंग कार्यक्रम की मेजबानी की

ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास ने 20 नवंबर को भारतीय समुद्री भोजन और वाइन टैस्टिंग कार्यक्रम के दूसरे संस्करण की मेजबानी की। इसमें कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए), नई दिल्ली और समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए), कोच्चि के सहयोग से भारत की बेहतरीन पाक कला का प्रदर्शन किया गया। भारत के प्रीमियम समुद्री भोजन और इसके जीवंत और बढ़ते वाइन उद्योग के बेहतरीन संयोजन का जश्न मनाते हुए इस कार्यक्रम ने 120 से अधिक प्रतिष्ठित मेहमानों को एक यादगार अनुभव प्रदान किया गया। इसमें व्यापारिक नेता, व्यापार निकाय, समुद्री खाद्य आयातक, सरकारी व्यापार एजेंसियां ​​और राजनयिक समुदाय के सदस्य शामिल थे।

बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत श्री सौरभ कुमार ने इस अवसर पर सांस्कृतिक तथा व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व के बारे में बताया। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के सचिव श्री सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापार परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ विशेष रूप से समुद्री भोजन और वाइन के क्षेत्रों में बढ़ती साझेदारी के बारे में बताया। उन्होंने उपस्थित लोगों को भारत के अनूठे स्वादों का स्वाद लेने के लिए आमंत्रित किया, जो देश के संपन्न खाद्य और पेय उद्योग के समर्पण, नवाचार और विरासत को दर्शाता है।

2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 अरब डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 7.36 अरब डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा। पिछले दशक में भारत का समुद्री खाद्य निर्यात दोगुना हो कर 7.3 अरब डॉलर हो गया है। यह 17.81 लाख मीट्रिक टन तक भी पहुँच गया है। वन्नामेई झींगा के निर्यात में चार गुना वृद्धि हुई है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले समुद्री खाद्य उत्पाद के रूप में मजबूती से स्थापित किया है। 500 यूरोपीय संघ-अनुमोदित फर्मों के साथ, भारत की समुद्री खाद्य प्रसंस्करण क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा समुद्री खाद्य बाजार बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 अरब डॉलर है। इसके अतिरिक्त भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा आपूर्तिकर्ता है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।

मेहमानों ने पाँच प्रीमियम भारतीय समुद्री खाद्य किस्मों की विशेषता वाले एक सावधानीपूर्वक क्यूरेट किए गए मेनू का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया और स्क्विड शामिल थे। प्रत्येक व्यंजन ने भारत की समृद्ध समुद्री जैव विविधता को उजागर किया, जो अपने असाधारण स्वाद, पोषण मूल्य और गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। इन व्यंजनों को भारतीय वाइनयार्ड की वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और ताज़गी देने वाली रोज़े ने भारत की वाइन शिल्प कौशल की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित किया। इस कार्यक्रम में वैश्विक स्पिरिट्स और वाइन बाजारों में भारत की बढ़ती साख का भी जश्न मनाया गया। भारतीय वाइन उद्योग में काफी वृद्धि हुई है, जिसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं। कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेसे जैसी रेड वाइन के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया। वाइन टूरिज्म और बढ़ती घरेलू खपत से प्रेरित स्पार्कलिंग वाइन ने भी सबका ध्यान आकर्षित किया।

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