दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के 40 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी के पुल बंगश इलाके में तीन लोगों की हत्या से संबंधित एक मामले में शुक्रवार को कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ हत्या तथा अन्य अपराधों में आरोप तय किए। टाइटलर ने गुनाहों को कबूल नहीं किया, जिसके बाद विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल ने उन पर मुकदमा चलाए जाने का निर्देश दिया।
अदालत ने हत्या के अलावा गैरकानूनी तरीके से जमा होने, दंगा भड़काने, विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने, घरों में अनधिकार प्रवेश और चोरी समेत अनेक अपराधों के लिए आरोप तय करने का आदेश दिया। न्यायाधीश ने 30 अगस्त को कहा था कि आरोपी के खिलाफ कार्यवाही आगे बढ़ाने का पर्याप्त आधार है। सीबीआई ने 20 मई, 2023 को मामले में टाइटलर के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया कि टाइटलर ने ‘‘एक नवंबर 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारा आजाद मार्केट में एकत्रित भीड़ को उकसाया और भड़काया’’, जिसके परिणामस्वरूप गुरुद्वारा जला दिया गया और तीन सिखों – ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह की हत्या कर दी गई।
सीबीआई ने एक गवाह के हवाले से आरोपपत्र में कहा था कि टाइटलर एक नवंबर, 1984 को यहां गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने सफेद एंबेसडर कार से बाहर निकले थे और उन्होंने यह कहते हुए भीड़ को उकसाया कि ‘‘सिखों को मारो, उन्होंने हमारी मां को मारा है’’ और इसके बाद तीन लोगों की ‘हत्या’ हो गई।
इकतीस अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किये जाने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे। एक सत्र अदालत ने पिछले साल अगस्त में मामले में टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी थी।