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Union Power and Housing and Urban Affairs Minister Manohar Lal inaugurated Prakriti 2025
भारत

केंद्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने प्रकृति 2025 का उद्घाटन किया

कार्बन बाजारों से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन प्रकृति 2025 (परिवर्तनकारी पहलों को एकीकृत करने के लिए सुदृढ़ता, जागरूकता, ज्ञान और संसाधनों को बढ़ावा देना), आज नई दिल्ली में आयोजित किया गया। यह सम्मेलन परिवर्तनकारी जलवायु से संबंधित पहलों को एकीकृत करने के लिए सुदृढ़ता, जागरूकता, ज्ञान और संसाधनों को बढ़ावा देने के प्रति लक्षित है।

प्रकृति 2025 ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, प्रमुख उद्योगपतियों, शोधकर्ताओं और व्‍यवसायियों को वैश्विक कार्बन बाजार के वर्तमान रुझानों, चुनौतियों और भविष्य की दिशाओं के बारे में चर्चा और विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए उच्च-स्तरीय मंच प्रदान किया है। इस कार्यक्रम ने वैश्विक नेताओं और विशेषज्ञों को एक साथ लाकर संधारणीय, कम कार्बन वाले भविष्य के लिए अभिनव समाधानों पर चर्चा को आगे बढ़ाया है।

विद्युत मंत्रालय के मुख्य अभियंता धीरज श्रीवास्तव ने विशिष्ट अतिथियों, प्रमुख उद्योगपतियों और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों का स्वागत किया और उनकी उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने भारत के सतत ऊर्जा भविष्य को आकार देने में सहयोग के महत्व को स्वीकार किया।

माननीय केंद्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया और जलवायु परिवर्तन की समस्‍या से निपटने में कार्बन बाजारों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भारत सरकार के दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और उत्सर्जन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) की ओर रुख किए जाने के महत्व पर जोर दिया। माननीय मंत्री ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा गंगा दीप पूजा और गोवर्धन पूजा जैसी पारंपरिक प्रथाओं को भी रेखांकित किया, जो देश की गहरी पारिस्थितिक चेतना को दर्शाती हैं और स्थिरता के आधुनिक प्रयासों की पूरक हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने स्थिरता की ओर भारत के संक्रमण को महत्वाकांक्षी और प्राप्त करने योग्य बनाने वाली वास्तविक, सत्यापन योग्य और धोखाधड़ी-रहित कार्बन कटौती सुनिश्चित करने वाली जलवायु नीतियों की आवश्यकता को रेखांकित किया।

विद्युत मंत्रालय में अपर सचिव आकाश त्रिपाठी ने कहा, “भारतीय कार्बन बाजार यह सुनिश्चित करता है कि लक्षित अधिसूचना कार्बन बाजार में क्रेता और विक्रेता की जरूरतों के अनुरूप हो। किफायती उपायों के माध्यम से उत्सर्जन कम करने की रणनीति लागू करने पर ध्‍यान केंद्रित किया गया है।” उन्होंने कहा, “अनुपालन तंत्र के अंतर्गत कार्बन कटौती लक्ष्यों को क्रमिक रूप से 2027 तक 40 प्रतिशत और शेष को 2030 तक कम करते हुए लागू करना होगा।”

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के निदेशक सौरभ डिड्डी ने कार्यक्रम में गरिमापूर्ण उपस्थिति तथा हमारी पारंपरिक प्रथाओं से प्रेरित पारिस्थितिकी संतुलन कायम करने के बारे में अपने व्यावहारिक विचार साझा करने के लिए माननीय विद्युत और आवास एवं शहरी कार्य मंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने कार्बन बाजारों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर देते हुए पैनलिस्टों, विश्व बैंक और आईईटीए का उनके समर्थन के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने पीडब्‍ल्‍यूसी के योगदान को भी स्वीकार किया तथा हरित अर्थव्यवस्था के लिए भारत के नीति-संचालित, तकनीक-सक्षम दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला, जिससे आईसीएम उभरते बाजारों के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित हुआ।

सम्मेलन में वैश्विक कार्बन बाजार की गतिशीलता, अवसरों और चुनौतियों के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय कार्बन बाजार (आईसीएम) की कार्यप्रणाली और प्रक्रियाओं के बारे में गहन समझ प्रदान की गई।

विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा आयोजित कार्बन बाजारों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन – प्रकृति 2025, कार्बन बाजारों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अभिनव दृष्टिकोणों के बारे में चर्चा करने और उनका पता लगाने के लिए वैश्विक नेताओं और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक साथ लाया।

सम्मेलन के दौरान, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के महानिदेशक अजय माथुर, विश्व बैंक में वरिष्ठ जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ मार्कोस कास्त्रो तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की पूर्व सचिव लीना नंदन जैसे विशेषज्ञों ने कार्बन बाजारों के बारे में तकनीकी चर्चाओं का नेतृत्व किया। उन्होंने कार्बन बाजारों के विकास, अनुपालन तंत्र, कार्यात्मक कार्बन बाजारों के लिए बुनियादी ढांचे का विकास, ऑफसेट तंत्र, कार्बन क्रेडिट और वैश्विक कार्बन बाजार की गतिशीलता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की। यह कार्यक्रम विचारकों के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने और वैश्विक स्तर पर कार्बन बाजारों और जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाने की रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।

प्रकृति ने एक सम्मेलन मात्र से कहीं बढ़कर, जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयास में सीखने, ज्ञान साझा करने और सहयोग के अवसरों की खोज के लिए सबसे व्यापक और महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है। प्रकृति 2025 इस गति को आगे बढ़ाएगा, जो भारत के जलवायु कैलेंडर और अंतर्राष्ट्रीय जलवायु संवाद में उपलब्धि साबित होगा।

यह सम्मेलन दूसरे दिन भी जारी रहेगा, जिसमें भारतीय कार्बन बाज़ार के बारे में निजी क्षेत्र के दृष्टिकोण, कार्बन बाज़ारों के ज़रिए नवीकरणीय ऊर्जा डेवलपर्स को प्रोत्साहित करने और नेट-ज़ीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने में पारिस्थितिकी तंत्र-आधारित हस्तक्षेपों की भूमिका पर एक विषयगत ट्रैक पर ध्यान केंद्रित करने वाले पूर्ण सत्र होंगे।

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