7वां पोषण पखवाड़ा 8 से 23 अप्रैल 2025 तक, इस अभियान की टैगलाइन “पूर्ण पोषण की शुरुआत, शुद्ध जल और स्वच्छता के साथ”
जल शक्ति मंत्रालय के तहत पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) 8 से 23 अप्रैल 2025 तक पोषण पखवाड़ा के 7वें संस्करण में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सक्षम आंगनवाड़ी योजना के अनुरूप, विभाग के इस अभियान की थीम “शुद्ध जल और स्वच्छता से स्वस्थ बचपन” है। इसकी टैगलाइन “पूर्ण पोषण की शुरुआत, शुद्ध जल और स्वच्छता के साथ” है जो विशेष रूप से एक बच्चे के पोषण और समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण तत्वों के रूप में स्वच्छ जल नियमों और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करती है।
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पोषण पखवाड़ा का उद्देश्य व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामुदायिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से कुपोषण से लड़ना है। इसके लिए चार प्रमुख क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया है:
- मानव जीवन के पहले 1000 दिनों पर जोर
- पोषण ट्रैकर ऐप में लाभार्थी मॉड्यूल का लोकप्रियकरण
- सीएमएएम मॉड्यूल के माध्यम से कुपोषण का प्रभावी प्रबंधन
- बचपन में मोटापे की समस्या से निपटने के लिए स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना
राज्य/केंद्रशासित प्रदेश कुपोषण और बीमारियों की रोकथाम में सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता नियमों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने के लिए सामुदायिक स्तर की व्यापक गतिविधियां आयोजित करेंगे।
इन प्रस्तावित गतिविधियों में शामिल हैं:
- शुद्ध जल और स्वच्छता अभियान: सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता नियमों, हाथ की स्वच्छता, खाद बनाने और अपशिष्ट प्रबंधन पर सामुदायिक सत्र आयोजित करना।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण: माताओं को बेहतर परामर्श देने में सहायता के लिए सुरक्षित जल उपभोग और अच्छी स्वच्छता नियमों पर जागरूकता सत्र और प्रशिक्षण।
- स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए जागरूकता सृजन: सामुदायिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता पर आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा आईईसी गतिविधियां।
- स्मार्ट पोषण आंगनवाड़ी प्रमाणन: उच्च स्वच्छता और पोषण मानकों को बनाए रखने के लिए शीर्ष प्रदर्शन करने वाले आंगनवाड़ी केंद्रों को मान्यता देना।
- स्वच्छ जल, सुंदर आंगन पहल: समुदाय और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की भागीदारी से आंगनवाड़ी केंद्रों पर स्वच्छता सुविधाओं में सुधार, जिसमें भित्ति चित्र और बच्चों के अनुकूल जल स्टेशन शामिल हैं।
- जागरूकता रैलियां: उचित सफाई और स्वच्छता के माध्यम से जलजनित रोगों की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करते हुए सामुदायिक लामबंदी।