सशक्त दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन आसियान हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में रचनात्मक भूमिका निभा सकता है: डॉ0 एस0 जयशंकर
विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि भारत का विश्वास है कि सशक्त दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन आसियान हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में रचनात्मक भूमिका निभा सकता है। आसियान फ्यूचर फोरम के पहले संस्करण को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत की हिन्द-प्रशांत महासागर की पहल और इस क्षेत्र पर आसियान देशों का समन्वय व्यापक सुरक्षा चुनौतियों के लिए मजबूत तंत्र प्रदान करता है।
उन्होंने कहा आसियान भारत की पूर्वोन्मुखी नीति के केंद्र में है और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब समय आ गया है कि अल्प विकसित और विकासशील देशों के समूह अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करें और अंतरराष्ट्रीय मामलों में बड़ी भूमिका निभाएं।
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि नौवहन, विमानन और निर्बाध वाणिज्यिक स्वतंत्रता का सभी देश सम्मान करें और उसे सुगम बनायें। क्वाड संगठन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए डॉ. जयशंकर ने कहा कि क्वाड नेता आसियान देशों को लगातार अपना अटूट समर्थन देते रहें।