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Dr. Mansukh Mandaviya took out 'Hamara Samvidhan Hamara Swabhiman' padyatra organized by the youth volunteers of My Bharat ahead of 75th Constitution Day
भारत

डॉ. मनसुख मांडविया ने 75वें संविधान दिवस से पूर्व माय भारत के युवा स्वयंसेवकों की ओर से आयोजित ‘हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान’ पदयात्रा निकाली

केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में 75वें संविधान दिवस के उपलक्ष्य में ‘माय भारत’ के स्वयंसेवकों की ओर से आयोजित 6 किलोमीटर लंबी पदयात्रा में भाग लिया। “हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान” विषय पर आधारित यह पदयात्रा मेजर ध्यानचंद स्टेडियम से शुरू हुई और कर्तव्य पथ तथा इंडिया गेट से होकर गुजरी। इस पदयात्रा में माय भारत के 10,000 से अधिक युवा स्वयंसेवकों के साथ-साथ प्रमुख युवा हस्तियां, केंद्रीय मंत्री और सांसद शामिल हुए।

इस पदयात्रा की शुरुआत ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के साथ हुई, जिसमें डॉ. मनसुख मांडविया ने अपने संसदीय सहयोगियों के साथ एक पेड़ लगाया। इसके बाद पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र सिंह शेखावत, किरण रिजिजू, अर्जुन राम मेघवाल, रक्षा निखिल खडसे जैसे केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ अन्य सांसद इस पदयात्रा में शामिल हुए। योगेश्वर दत्त, मीराबाई चानू, रवि दहिया, योगेश कथूनिया जैसे प्रमुख युवा प्रतीकों और ओलंपिक पदक विजेताओं ने भी पदयात्रा में भाग लिया।

पदयात्रा के दौरान मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने ‘माय भारत’ के 10,000 से ज़्यादा युवा स्वयंसेवकों की भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि देश के युवाओं ने न सिर्फ़ संविधान की प्रस्तावना पढ़ी, बल्कि इसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि नए भारत के युवा ‘विकसित भारत’ के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में एक व्यापक प्रदर्शनी के जरिए भारतीय संविधान की विकास यात्रा को प्रदर्शित किया गया और इसमें प्रमुख हस्तियों के योगदान को प्रमुखता से बताया गया। ऐतिहासिक वेशभूषा पहने युवाओं ने डॉ. बी. आर. अंबेडकर और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे नेताओं का चित्रण करके इतिहास को जीवंत कर दिया, जिससे मनोरंजक अनुभव मिला। पूरे मार्ग के साथ-साथ, पदयात्रा में विभिन्न स्थलों पर जीवंत सांस्कृतिक प्रदर्शनियां दिखाई गईं। प्रतिभागियों ने पारंपरिक गुजराती नृत्य, राजस्थानी लोक नृत्य और ऊर्जावान पंजाबी भांगड़ा सहित मंत्रमुग्ध करने वाले अनेक सांस्कृतिक प्रदर्शनों का आनंद लिया।

इस पदयात्रा का उद्देश्य युवाओं में संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देना था। इस अवसर पर इंडिया गेट पर एक विशेष समारोह आयोजित किया गया, जिसमें युवाओं ने सामूहिक रूप से संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। इस दौरान भारत के संविधान की नींव के रूप में प्रस्तावना की भूमिका और न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के इसके प्रमुख मूल्यों पर प्रकाश डाला गया। केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों की मौजूदगी में इस कार्यक्रम में भारतीय लोकतंत्र में इन सिद्धांतों के महत्व को रेखांकित किया गया। समारोह स्थल के रूप में राष्ट्रीय एकता के प्रतीक इंडिया गेट ने समारोह के प्रभाव को और बढ़ा दिया। प्रस्तावना पढ़ने के बाद, डॉ. मांडविया ने अपने संसदीय सहयोगियों के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पुष्पांजलि अर्पित की।

इस कार्यक्रम के केंद्र में युवाओं की भागीदारी रही। पूरे कार्यक्रम के दौरान माय भारत पंजीकरण अभियान चलाया गया। प्रतिभागी प्रस्तावना थीम वाले सेल्फी पॉइंट के साथ अपनी यादगार तस्वीरें ले सकते थे। पूरे रास्ते में माय भारत के स्वयंसेवकों ने प्रतिभागियों के लिए जलपान के स्टॉल लगाकर और स्वच्छ भारत अभियान में प्रमुखता से भाग लेकर पदयात्रा के पूरे मार्ग में स्वच्छता सुनिश्चित करके महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इस पदयात्रा में एनसीआर क्षेत्र के 125 से अधिक कॉलेजों और एनवाईकेएस, एनएसएस, एनसीसी और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स सहित विभिन्न संगठनों के युवा प्रतिभागियों ने सफलतापूर्वक भाग लिया। यह संविधान के 75वें वर्ष के जश्न में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यानी मील का पत्थर साबित हुआ। इस कार्यक्रम में विकसित भारत के लिए संवैधानिक मूल्यों को संरक्षित करने और इसे बढ़ावा देने में युवाओं की भूमिका पर जोर दिया गया।

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